विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी समीकरण बनाने में लग गए हैं। ऐसे में विधानसभा क्षेत्र में भी सियासी गर्मी परवान चढऩे लगी है। यूं तो सियासी तापमान का घटना- बढऩा प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों पर निर्भर करता है, लेकिन एआइएमआइएम की दस्तक न केवल सबको चौंका रही है, बल्कि सियासी पारा भी चढ़ गया है।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सितंबर माह में यहां आ चुके हैं। उनका यहां आना चर्चा का विषय बना था। जहां प्रमुख राजनीतिक दलों ने अयोध्या से अपने प्रचार की शुरुआत की थी, वही ओवैसी ने अयोध्या जिले के रुदौली विधानसभा क्षेत्र से प्रचार की शुरुआत कर सबको अचरज में जरूर डाला था। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध मख्दूम साहब की दरगाह पर चादरपोशी कर सियासी समीकरण साधने की कोशिश की थी। उनकी जनसभा में उमड़ी भीड़ भी खूब चर्चा में रही। राजनीतिज्ञों का कहना है कि कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने वह यहां की सियासी नब्ज पकड़ चुके हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी तादाद है, साथ ही यहां पर दलित व बैकवर्ड वोटरों की खासी संख्या है। एआइएमआइएम के संभावित उम्मीदवार का प्रचार भी जारी है। ऐसे में प्रबल संभावना है कि एआइएमआइएम यहां मजबूती से चुनाव लडऩे की फिराक में है। ओवैसी चुनाव में यहां आने का वादा भी कर गए थे।