सरकारी कोटे की दुकान पर आप मुफ्त राशन कितना और क्यों ले रहे हैं, घर में तीन साल से ऊपर तक के बच्चे इंटरनेट का कितना प्रयोग कर रहे हैं, छोटे बच्चों को रोते समय उसे चुप करने के लिए माताएं क्या मोबाइल दे रही हैं, आयुष्मान का लाभ कितना मिल रहा है…। इसकी जानकारी आपको राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से शुरू हो रहे पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण में देनी होगी।

सर्वे की तकनीकी और व्यवहारिक जानकारी देने के लिए बुधवार को एनएसओ की ओर से होटल आरआर-इन में तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों ने प्रदेश के लगभग 22 जिलों से आए सांख्यिकी अधिकारियों और प्रतिनिधियों को सर्वे करने के तरीके बताए। वाराणसी के वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि सर्वे टीम गरीबी, महंगाई, उपभोग की जानकारी घर के मुखिया से हासिल करेगी।

सर्वे पांच साल बाद हो रहा है। इसमें प्रयागराज में शहर और गांव दोनों में 70 सैंपल लिए जाएंगे। निदेशक शिवम श्रीवास्तव, सह निदेशक आरएन सिंह, सहायक निदेशक रूप नारायण ने सर्वे के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

बता दें कि सरकार राशन कार्ड धारकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में भी लगी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की जिसके बाद लोगों की सुविधा के लिए सभी 80000 कोटे की दुकानों को लोक सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। साथ ही सभी कोटेदारों के कमीशन में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई। सीएम की उपस्थिति में सभी राशन दुकानों को सीएससी के रूप में विकसित करने के लिए एमओयू भी किया गया है। अब कोडारो का कमीशन 70 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये करने जा रहा है।