भारतीय नौसेना का विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य मरम्मत के बाद समुद्री परीक्षण पर निकल पड़ा है। यह जानकारी भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने सोमवार को दी। उन्होंने कहा, विमान वाहक पोत का परीक्षण जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इसे परिचालन की मुख्य भूमिका में शामिल कर लिया जाएगा। 45,000 टन के वजन वाले विक्रमादित्य की डेक से भारतीय नौसेना 20 मिग-29के लड़ाकू जहाजों और 20 हेलिकॉप्टरों को संचालित करती है। पूर्व में यह कीव-श्रेणी के युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव के नाम जाना जाता था। इसे 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
समुद्री, मीठे पानी के संसाधनों को बढ़ावा देती है ब्लू इकॉनमी : कैग
नई दिल्ली। ब्लू इकॉनमी समुद्री और मीठे पानी के संसाधनों के सतत उपयोग और आर्थिक प्रणाली में जिम्मेदारी की भावना के साथ इसके उपभोग को बढ़ावा देती है। पर्यावरण संरक्षण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें खाद्य और ऊर्जा का उत्पादन, आजीविका और आर्थिक उन्नति के कारकों को शामिल किया गया है। यह बात नई दिल्ली में कैग कार्यालय में सोमवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने ब्लू इकॉनमी में चुनौतियों और अवसरों पर आयोजित एक संगोष्ठी में कही।
भारत के जी-20 अध्यक्षता के तहत पिछले महीने साई 20 राष्ट्रों की बैठक आयोजित की गई थी। इसकी अध्यक्षता नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने की थी। उस दौरान कैग ने विचार-विमर्श के लिए दो प्रमुख मुद्दों ब्लू इकोनॉमी और रिस्पॉन्सिबल एआई का चयन किया था।