एसके सूरी ने आडियो व वीडियो के माध्यम से इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मैग्लेव ट्रेन 500 केएमपीएच और हाॅयपर लूप ट्रेन 1000 केएमपीएच की रफ्तार से चलेगी। ये ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लौड पॉड (ट्रैक) पर चलेगी। इसके लिए खंभों के ऊपर (एलीवेेटेड) लोहे की ट्यूब बिछाई जाएगी। इसके अंदर लंबी सिंगल बोगी होगी, जो हवा मैं तैैरती हुई चलेगी।
देश में अब मैग्लेव और हाॅयपर लूप ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। इसके लिए कोशिश भी शुरू हो गई है। आने वाले वर्षों में इस तरह की ट्रेनों से लोग सफर कर सकेंगे। यह ट्रेन बुलेट और हवाई जहाज से भी तेज चलेगी, जिसका किराया हवाई जहाज के किराये से कम होगा। इस संबंध में मंगलवार को बनारस रेल इंजन कारखाना में प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र में रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला के भूतपूर्व महाप्रबंधक एसके सूरी ने व्याख्यान दिया। उन्होंने इस ट्रेन के संचालन, चुनौतियों और फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
एसके सूरी ने आडियो व वीडियो के माध्यम से इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मैग्लेव ट्रेन 500 केएमपीएच और हाॅयपर लूप ट्रेन 1000 केएमपीएच की रफ्तार से चलेगी। ये ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लौड पॉड (ट्रैक) पर चलेगी। इसके लिए खंभों के ऊपर (एलीवेेटेड) लोहे की ट्यूब बिछाई जाएगी। इसके अंदर लंबी सिंगल बोगी होगी, जो हवा मैं तैैरती हुई चलेगी।
इसमें घर्षण नहीं होता है और इसके संचालन में बिजली का खर्च भी बहुत कम होगा। इस ट्रेन के कारण प्रदूषण भी नहीं होगा। ट्रेन का किराया हवाई जहाज से कम होगा। हालांकि अभी इन ट्रेनों के संचालन में काफी चुनौतियां हैं, लेकिन, भविष्य में चलने पर इससे काफी लाभ होगा। इस दौरान बरेका महाप्रबंधक पीके साहा के साथ विभिन्न विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्ष अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अंत में प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य रामजन्म चौबे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।