या गोरखपुर बसाने के लिए 60 गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। 25 गांव शहर के उत्तर दिशा में चिह्नित किए गए हैं जबकि 35 गांव कुसम्ही एवं पिपराइच रोड पर हैं।

नया गोरखपुर बसाने की राह में जमीन का मुआवजा, रोड़ा बनता दिख रहा है। जमीन देने के लिए प्रेरित करने पहुंच रही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की टीम को निराशा हाथ लग रही है। प्राधिकरण सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा देने को तैयार है, मगर काश्तकार और किसान इस पर राजी नहीं दिख रहे। उनका कहना है कि छह साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है, जबकि बाजार दर में काफी वृद्धि हो गई है। किसानों-काश्तकारों का कहना है कि वर्तमान बाजार दर के बराबर मुआवजा दिया जाए।

शासन से मंजूरी मिलने के बाद नया गोरखपुर बसाने को लेकर प्राधिकरण की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। जीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर अधिकारियों की टीमें गांवों में जा रही हैं और किसानों के साथ बैठक कर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें प्रेरित कर रही हैं।

नया गोरखपुर बसाने के लिए 60 गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। 25 गांव शहर के उत्तर दिशा में चिह्नित किए गए हैं जबकि 35 गांव कुसम्ही एवं पिपराइच रोड पर हैं। काश्तकारों का कहना है कि इन गांवों में सर्किल रेट की तुलना में बाजार मूल्य काफी अधिक है।

प्राधिकरण सर्किल रेट का चार गुणा देने का आश्वासन दे रहा है जो वर्तमान बाजार मूल्य का आधा भी नहीं है। जीडीए उपाध्यक्ष द्वारा बनाई गई टीम हर गांव में दो-दो बार जाएगी। इसी क्रम में प्राधिकरण के सचिव उदय प्रताप सिंह महराजगंज, प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह देवीपुर एवं बैजनाथपुर गए थे।

वहां भी किसानों ने प्राधिकरण के प्रस्तावित रेट पर जमीन देने से साफ इन्कार कर दिया। कई गांवों के किसानों ने विकसित भूमि में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी व एक सरकारी नौकरी की मांग रखी है। वहीं जीडीए की टीमों ने बताया कि सहमति से जमीन नहीं देने की दशा में प्राधिकरण अनिवार्य अर्जन की ओर कदम बढ़ा सकता है।

इन गांवों में शुरू हुआ बैठकों का दौर
परमेश्वरपुर, विशुनपुर, देवीपुर, ठाकुर नंबर एक एवं दो, बालापार, मानीराम, महराजगंज, रामपुर गोपालपुर, बैजनाथपुर, सोनबरसा, दौलतपुर, रहमतनगर, कुसम्ही की ओर रुद्रापुर, बहरामपुर, भैसहां, आराजी बसडीला, जगदीशपुर, सिसवा उर्फ चनकापुर, आराजी मतानी व माड़ापार, तकिया मेदिनीपुर, कोनी, कुसम्ही, मठिया बुजर्ग, जयपुर।

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