एलडीए के एक अधिकारी द्वारा बुजुर्ग को थप्पड़ मारने के मामले की जांच नहीं शुरू हो पाई है और न ही एफआईआर दर्ज हुई है।
एलडीए की जनता अदालत में बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए आए फरियादी 69 साल के मुकेश शर्मा को ओएसडी डीके सिंह द्वारा थप्पड़ मारने के मामले की शुक्रवार को जांच शुरू नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि शनिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एवं सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों होने वाले लोकार्पण समारोह को लेकर जांच अधिकारी अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की व्यस्तता रही। ऐसे में वे प्रकरण की जांच सोमवार से शुरू करेंगे। वहीं पुलिस ने भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
मगर, सबसे बड़ा संकट यह है कि फरियादी की पिटाई का साक्ष्य कहां से आएगा, जब सभाकक्ष में सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगे हैं। सुनवाई के बाद अपर सचिव कैसे तय करेंगे कि ओएसडी थप्पड़ कांड में दोषी हैं। वहीं, गोमतीनगर पुलिस ने भी घटना के 48 घंटे बीतने के बाद भी ओएसडी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है।
आमने-सामने हो सकते हैं ओएसडी और फरियादी
ओएसडी डीके सिंह ने जांच अधिकारी ज्ञानेंद्र वर्मा को शुक्रवार को पुलिस को दी गई तहरीर की प्रतिलिपि सौंपी। वहीं, गोमतीनगर थाने से एक पत्र जांच अधिकारी के पास आया, जिसमें आरोपी एवं फरियादी की तहरीर शामिल हैं। दोनों के आरोपों की जांच अपर सचिव करेंगे, अंदेशा है कि इस दौरान एक बार फिर ओएसडी डीके सिंह एवं फरियादी मुकेश शर्मा का आमना-सामना हो सकता है।
कैसे मिलेगा न्याय, जब 48 घंटे में नहीं दर्ज किया केस
एलडीए की भरी जनता अदालत में ओएसडी के थप्पड़ से फरियादी के कान के पास घाव हो गया और खून का रिसाव खुद अंबेडकर उद्यान चौकी प्रभारी ने देखा। चौकी प्रभारी ने पीड़ित से घटनाक्रम की तहरीर भी और उसकी मेडिकल जांच कराने साथ भी ले गये, मगर 48 घंटे गुजरने के बाद शुक्रवार शाम 10:30 बजे पुलिस केस दर्ज नहीं किया। सवाल, जब पीड़ित का केस ही दर्ज नहीं किया तो उसको न्याय कैसे मिल सकेगा।