कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने IPC के सेक्शन 504 के तहत गांधी को दोषी करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे।
अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी की न सिर्फ सदस्यता गई है, बल्कि अगर उपरी अदालत से उनको राहत नहीं मिलती है, तो वह अगले 8 सालों के लिए चुनावी राजनीति से बाहर हो जाएंगे। दरअसल, कानून कहता है कि 2 साल तक अगर किसी विधायक या सांसद को सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके बाद सजा खत्म होने पर भी वह 6 साल तक चुनाव लड़ने पर अयोग्य माना जाएगा। ये नियम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद लागू हो जाता है। ये नियम जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (3) के तहत लागू होता है।
‘मोदी सरनेम’ पर क्या कहा था राहुल ने?
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनके उस बयान को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का सरनेम मोदी ही होता है?’ राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।