इस दौरान कैदियों को हर दिन 11 घंटे की ब्रेनवॉश ट्रेनिंग दी जाती थी। उइगर महिला गुलबहार हैतीवाजी ने बताया कि चीनी नजरबंदी शिविरों और पुलिस स्टेशनों में कैद के दौरान खाना खाने से पहले और बाद में चीनी सरकार की प्रशंसा करना, देशभक्ति गाने गाना अनिवार्य है।

चीनी पुनर्शिक्षा शिविरों का अनुभव करन वाली दो महिलाओं ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के सामने गवाही दी है। ऐसा पहली बार देखने को मिला है। द गार्जियन में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस की विशेष हाउस कमेटी के समक्ष गवाही देते हुए दो महिलाओं ने चीनी सरकार की काली करतूतों को उजागर करते हुए कहा कि नजरबंदी शिविरों और पुलिस स्टेशनों में वे तीन साल बंद रहीं। इस दौरान कैदियों को हर दिन 11 घंटे की ब्रेनवॉश ट्रेनिंग दी जाती थी। उइगर महिला गुलबहार हैतीवाजी ने बताया कि चीनी नजरबंदी शिविरों और पुलिस स्टेशनों में कैद के दौरान खाना खाने से पहले और बाद में चीनी सरकार की प्रशंसा करना, देशभक्ति गाने गाना अनिवार्य है।

जंजीरों से बांधकर रखा अधिकारियों ने..

उन्होंने बताया कि उइघुर भाषा में बात करने के लिए भी उन्हें दंडित किया जाता है। साथ ही हमेशा पूछताछ का उन्हें सामने करना पड़ता है इस दौरान उन्हें हुड लगाकर कुर्सियों से बांधा जाता था। उइगुर मुस्लिम महिला ने बताया कि एक बार तो उन्हें 20 दिनों के लिए जंजीर के साथ बिस्तर पर बांध दिया गया था। कैंप में महिला कैदियों की नसबंदी भी की जा रही थी। हैतीवाजी ने बताया कि उन्हें इसके लिए टीका लगाया जाता और पूरे शिविर में कैमरे लगाए गए हैं।

चीनी अधिकारियों की चेतावनी

नीदरलैंड में रहने वाले एक मानवाधिकार कार्यकर्ता केलबिनुर सिदिक ने बताया कि किसी तरह चीनी अधिकारियों द्वारा नजरबंद शिविरों व शिक्षण कक्षाओं में जबरदस्ती किया जाता है। सिदिक के परिवार और फ्रांस सरकार के प्रयासों के कारण वह 2019 में आजाद हो पाई थीं। इस दौरान वह काफी कमजोर हो गई थीं। इस कारण उन्हें चीनी अधिकारियों द्वारा खाना खाने को लेकर जबरदस्ती किया जाता ताकि वह बाहर जाकर कुपोषित न दिखें। वहीं फ्रांस जाने से पहले उन्हें चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने कैंप के बारे में किसी से कुछ कहा तो उनके परिवारवालों व परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।