प्रथम खंड की शुरुआत से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आरआरटीएस कॉरिडोर के पहले खंड पर तैयारियों का जायजा लिया।
गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड के संचालन को अब सेफ्टी क्लीयरेंस (एससी) मिलने का इंतजार है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) का दावा है कि सभी स्टेशनों पर निर्माण प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ऐसे में जल्द सेफ्टी क्लीयरेंस मिलने की संभावना है। प्राथमिकता खंड पर रैपिड रेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झंडी दिखा सकते हैं।
प्रथम खंड की शुरुआत से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आरआरटीएस कॉरिडोर के पहले खंड पर तैयारियों को परखा। उन्होंने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के साथ सबसे पहले दुहाई डिपो में चल रही विभिन्न व्यवस्थाओं और निर्माण संबंधी गतिविधियों का निरीक्षण किया। फिर 17 किमी लंबे पहले खंड पर रैपिड रेल की तेज रफ्तार का आनंद लिया। इस दौरान रैपिड रेल की गति 160 किमी प्रतिघंटा रही। निरीक्षण के दौरान डीएम राकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी., सीडीओ विक्रमादित्य मलिक, एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स सहित आदि लोग मौजूद रहे।
स्वदेशी प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर को सराहा
मुख्य सचिव ने दुहाई डिपो स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगाए गए स्वदेश निर्मित प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) का जायजा लिया। स्वदेशी तकनीक पर बने पीएसडी के रैपिड ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने पर ऑटोमेटिक खुलने और बंद होने की प्रक्रिया को देखकर प्रशंसा की। एनसीआरटीसी के अधिकारियों की ओर से एलईटी तकनीकी पर आधारित सिग्नलिंग प्रणाली का पहली बार किसी परियोजना में इस्तेमाल करने का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव ने कॉरिडोर में हुए कार्यों को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार होने की दिशा में कदम बताया।