बाराबंकी। सप्ताह में एक बार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगने वाले मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले को लेकर भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है। यही वजह है कि अस्पतालों में चिकित्सक नहीं पहुंच रहे और मेले में इलाज के लिए आने वाले मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। रविवार को रामसनेहीघाट में खुले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुछ ऐसा ही नजारा दिखा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाजीपुर में दस बजकर 20 मिनट तक कोई चिकित्सक नहीं आया था। डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी थी। लैब टेक्नीशियन दीपिका मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि अभी समय ही क्या हुआ है। डॉक्टर आ रहे होंगे। यहां दवा लेने आए रामदीन, कृपाशंकर आदि ने बताया कि डॉक्टर कब आते हैं और कब जाते हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा सड़क पर भी दस बजकर 30 मिनट पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। वार्ड ब्वाॅय बैजनाथ के अलावा कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं मिला। बैजनाथ ने बताया कि अभी डॉक्टर आ रहे होंगे। यही हाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पठकन पुरवा का दिखा। 10 बजकर 57 मिनट पर अस्पताल तो खुला मिला लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिल्हौर 11 बजकर 20 मिनट पर बंद मिला। यहां पर भी कोई कर्मचारी मौके पर था। इस बाबत प्रभारी सीएमओ डॉ. डीके श्रीवास्तव का कहना है मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हैं तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
जिले के 57 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री जनआरोग्य मेले में रविवार को 2095 मरीज देखे गए। इनमें महिलाओं की संख्या 876, पुरुषों की संख्या 775 और बच्चों की संख्या 444 रहींं। वहीं, दो मरीजों की हालत गंभीर पाए जाने पर उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। पात्र पाए जाने पर 23 लोगों के आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए गए। वहीं, संदिग्ध पाए जाने पर 216 की कोरोना जांच कराई गई। हालांकि, एक भी संक्रमित नहीं पाया गया।