नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र के संबोधन के दौरान पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि Regressive Thinking के साथ, जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल (political tool) के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने पर भारत द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही पीएम मोदी ने यह बात कही. यूएन को महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के सामने Regressive Thinking और अतिवाद (Extremism) का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को (विज्ञान आधारित) Science-Based, तर्कसंगत (Rational) और प्रगतिशील सोच (Progressive Thinking) को विकास का आधार बनाना ही होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे. इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है, इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा.

बता दें कि यूएन जनरल असेंबली (United Nation General Assembly) जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pak PM Imran Khan) वर्चुअली संबोधन कर चुके थे. हमेशा की तरह उन्होंने कश्मीर (Kashmir) का राग अलापा और खुद को आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित बताया. लेकिन, हमेशा की तरह भारत की ओर से पाकिस्तान को एक बार फिर मुंहतोड़ जवाब मिला. भारत की पहली सचिव स्नेहा दुबे (India First Secretory Sneha Dubey) ने राइट टू रिप्लाई (Right to Reply) के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दे डाला.

स्नेहा दुबे ने इमरान खान को फटकार लगाते हुए पाकिस्तान की पोल खोल डाली और कहा, कि ये पहला मौका नहीं जब पाक नेता ने यूएन के मंच का इस्तेमाल मेरे देश के खिलाफ झूठा और गलत प्रचार करने के लिए किया है. उन्होंने कहा, कि वह (पाकिस्तान) आतंकवाद का हिमायती है.