लखीमपुर खीरी मामले को लेकर विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session)में सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है. विपक्ष इस मामले में गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) के इस्‍तीफे की मांग कर रहा है. अजय मिश्रा लखीमपुर मामले में मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता हैं. मामले को लेकर NDTV से बात करते हुए AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, ‘अजय मिश्रा टेनी इंवेस्टिगेशन में एक्सपोज़ हो चुके हैं. वे पत्रकारों को डरा रहे हैं क्योंकि ख़ुद डरे हुए हैं.पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करना बहुत ग़लत है. पत्रकार का काम है सवाल पूछना लेकिन ये सच्चाई से डरते हैं. लोकतंत्र में न पत्रकार ख़ामोश बैठेंगे न जनता ख़ामोश बैठेगी.’

मंगलवार को भी ओवैसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को तुरंत अजय मिश्रा टेनी को तुरंत मंत्री पद से हटाना चाहिए. उन्‍होंने कहा था, ‘हम लोग यह बात शुरू से कह रहे कि यह सोची समझी साजिश है. किसानों के जुलूस में जाकर हत्या की गई है. यह कैसे हो सकता है पिता को मालूम नहीं हो कि बेटा क्या कर रहा है? यह सब सुप्रीम कोर्ट की वजह से हो रहा है, इसीलिए सरकार इस सच्चाई को सामने लाई नहीं तो इसे भुला देते. यूपी की जनता इनका इंसाफ करेगी. ‘

गौरतलब है कि स्‍पेशल इनवेस्‍टीगेशन टीम (SIT) ने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाना एक सोची-समझी साजिश का हिस्‍सा थी. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्‍य आरोपी है. मामले की जांच कर रही टीम ने जज को लिखा है कि आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोपों को ‘संशोधित’ किया जाना चाहिए. मामले में आशीष मिश्रा और अन्‍य पहले ही हत्‍या और साजिश के आरोपों का सामना कर रहे हैं. जांच टीम चाहती है कि इसमें हत्‍या की कोशिश (attempt to murder) और अन्‍य आरोप भी जोड़े जाएं.