शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को बताया कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान मुख्य एजेंडा राज्यवार तरीके से विपक्ष की एकता को बनाए रखना था। राउत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमारा मुख्य एजेंडा राज्यवार तरीके से विपक्षी एकता था। यह पहली मुलाकात थी, हम कल (बुधवार को) फिर मिलेंगे, जिसमें शरद पवार भी होंगे।’
इससे पहले दिन में विपक्षी दल के शीर्ष नेता संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में सरकार से सवाल करने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर एकत्र हुए थे। बैठक में भाग लेने वालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद टीआर बालू, शिवसेना सांसद संजय राउत, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे।
मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की उनकी मांग को खारिज करने के बाद कांग्रेस, द्रमुक, राजद, वामपंथी, राकांपा और टीएमसी सहित विपक्षी दलों ने भी राज्यसभा से हंगामा किया। अगस्त में मानसून सत्र के अंत में कथित रूप से अभद्र आचरण के लिए सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 के पारित होने के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन के वेल में हंगामा करने के बाद मार्शल को बुलाना पड़ा था।
निलंबित सदस्यों में कांग्रेस से छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो, और सीपीआइ और सीपीएम से एक-एक शामिल हैं। इसमें कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह; तृणमूल कांग्रेस से डोला सेन और शांता छेत्री; शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई; सीपीएम के एलाराम करीम और भाकपा के बिनाय विश्वम शामिल थे। निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर सभी निलंबित 12 सांसद संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठे हैं।