राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ने वाली हैं, क्योंकि झारखंड में दर्ज चारा घोटाले के आखिरी मामले में 15 फरवरी को अदालत का फैसला आने वाला है. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि चार अन्य केस की तरह डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के पांचवें और आखिरी मामले में भी उन्हें जेल यात्रा करनी पड़ सकती है. ऐसे में आरजेडी के अंदर एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर सौंपने की तैयारी की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, 10 फरवरी को आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में बुलाई गई है, जिसमें शामिल होने के लिए लालू प्रसाद यादव खुद 9 फरवरी को पटना पहुंचेंगे.

आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक, लालू परिवार इस बात को लेकर तैयारी में जुटा हुआ है कि अगर चारा घोटाले के मामले में उन्हें फिर से जेल जाना पड़ेगा, तो फिर पार्टी की बागडोर लालू खुद जेल के अंदर से संभालेंगे या फिर इस बार वह पार्टी की कमान अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंप देंगे?

बताया जा रहा है कि परिवार के अंदर इस बात को लेकर तैयारी चल रही है कि 10 फरवरी को आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर सौंप सकते हैं और उन्हें पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

बता दें कि, डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी का मामला चारा घोटाले के पांचों मामलों में से सबसे बड़ा है, क्योंकि अवैध निकासी की रकम भी इसमें सबसे ज्यादा है. लालू पहले से ही चारा घोटाले के 4 मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद सजायाफ्ता हैं और फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. चारा घोटाले के 4 मामलों में आरजेडी मुखिया को कुल 27 साल की सजा हुई है.