आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा की खाली सीटों पर आगामी 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए आज प्रचार थम गया। आज प्रचार के आखिरी दिन जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद और रामपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित किया तो वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दोनों सीटों पर प्रचार करने नहीं गए। इसके अलावा, पुलिस प्रशासन ने आजमगढ़ और रामपुर में सुरक्षित, स्वतंत्र व शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न करवाने के लिए इन दोनों जिलों से लगी दूसरे जिलों की सीमाओं पर चौकसी भी बढ़ा दी है।

बता दें कि रामपुर की सीट पर सपा के मोहम्मद आजम खान और आजमगढ़ की सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जीते थे। इस साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आजम खान ने रामपुर से और अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीता था। उसके बाद इन दोनों नेताओं ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से यह दोनों सीटें खाली चल रही थीं।

इस बार भाजपा ने आजमगढ़ से भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में निरहुआ सपा प्रमुख अखिलेश यादव से हुए मुकाबले में हार गए थे। सपा ने इस सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को उम्मीदवार बनाया है जबकि बसपा ने यहां से पूर्व विधायक और कारोबारी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी घोषित किया है। जमाली ने इस बार हुए विधान सभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के टिकट पर चुनाव लड़ा था मगर वह हार गए।

दूसरी ओर रामपुर से सपा उम्मीदवार असीम राजा पिछले चार दशकों से आजम खां के सहयोगी रहे हैं जबकि भाजपा ने यहां से घनश्याम लोधी को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। रामपुर में भाजपा ने प्रचार की कमान संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपी है। आजमगढ़ में प्रचार का जिम्मा कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को दिया गया है।