बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपनी सरकार में बड़े फेरबदल की तैयारी कर ली है। उन्होंने टीएमसी के संगठन में कई मंत्रियों को भेजा है और अब उन्हें सरकार से हटाने की तैयारी है। उनके स्थान पर 4 से 5 नए मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। ममता बनर्जी के इस फैसले को अगले साल राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर इसे देखा जा रहा है। हाल ही में ममता बनर्जी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार किया था और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपये कैश एवं बड़े पैमाने पर सोना बरामद किया गया है। बंगाल की राजनीति को समझने वाले लोग इस बदलाव को पार्थ चटर्जी पर छापे से भी जोड़कर देख रहे हैं।

टीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘टीएमसी ने चेयरमैन ममता बनर्जी के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष और चेयरमैन के पदों पर कुछ नई नियुक्तियां की है।’ ममता बनर्जी के ऐलान के बाद मंत्री आसिमा पात्रा और सौमेन महापात्रा को संगठन में भेजा गया है। यही नहीं ममता बनर्जी सरकार ने 7 नए जिले बनाने की भी तैयारी कर ली है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। नए जिलों के नाम बरहामपुर, कांडी, सुंदरबन, बशीरहाट, इच्छामाटी, राणाघाट और बिष्णुपुर होंगे। इस तरह बंगाल में कुल जिलों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी।

नए जिलों के गठन से क्या होगा टीएमसी को फायदा

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि प्रशासनिक कामकाज को बेहतर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। बंगाल की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि ममता बनर्जी ने एक तरफ कैबिनेट में फेरबदल कर सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। दूसरी तरफ नए जिले बनाकर क्षेत्रीय अस्मिता को भी भुनाने का प्रयास है। बंगाल में लंबे समय से नए जिलों के गठन की मांग थी। ऐसे में ममता बनर्जी ने नए जिलों से लेकर मंत्रियों तक को बदलकर आगे के समीकरण साध लिए हैं। यही नहीं टीएमसी बनाने की भी यह कवायद नजर आ रही है।

सरकार और संगठन के बदलाव में अभिषेक की छाप?

टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट फेरबदल में अभिषेक बनर्जी की छाप देखी जा रही है। उनके कहने पर ही कामकाज में कमजोर मंत्रियों को हटाया गया है और उन्हें संगठन भेजने की तैयारी है। इसके अलावा कई ऐसे नेता जो अब तक पार्टी में काम कर रहे थे, उन्हें सरकार में जिम्मेदारी दी जाएगी। जिलों में टीएमसी की नई टीमों का गठन किया गया है, जिसमें नए और पुराने नेताओं का एक संतुलन बनाया गया है। कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर, नादिया दक्षिण, झारग्राम समेत कई जिलों में संगठन में व्यापक फेरबदल किए गए हैं।