बीडीसी सदस्य एवं सेमरियावां ब्लॉक के भाकियू के महासचिव फूलचंद पटेल का अपहरण कर पिटाई किए जाने से नाराज भाकियू कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पीड़ित ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर सदर विधायक और उनके लोगों पर अपहरण कर पिटाई किए जाने का आरोप मढा। भाकियू कार्यकर्ताओ ने 24 घंटे की मोहलत दी। इसके बाद कार्रवाई नहीं किए जाने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।

कोतवाली क्षेत्र के कुसमैनी गांव निवासी बीडीसी सदस्य फूलचंद पटेल पुत्र स्वर्गीय रामनाथ चौधरी भाकियू के महासचिव है। उनका आरोप है कि  वह मंगलवार को क्षेत्र पंचायत की बैठक में सेमरियावा ब्लॉक मुख्यालय गए थे। बैठक में एजेंडा के अनुसार वह अपने क्षेत्र पंचायत की समस्या को उठाए।

बैठक समाप्त होने के बाद बाइक से घर जा रहे थे। रास्ते में नौवा गांव के पास पहुंचे ही थे। उसी दौरान सदर विधायक अंकुर राज तिवारी और उनके लोग बिना नंबर प्लेट लगे काले रंग की स्कार्पियों से आए। लोगों ने उसे रोक लिया और बाइक की चाभी निकाल लिए।

आरोप है कि लोग उसकी आंख में काली पट्टी बांध कर स्कार्पियों में बैठा लिए और मारते -पीटते बंदूक तानकर इधर-उधर घुमाते रहे। आरोप है कि उसकी आंख की पट्टी लोग खोल दिए। दूसरी गाड़ी में सदर विधायक बैठे थे और उसी गाड़ी में लोग उसे भी बैठा दिए।

आरोप है कि लोग उसे मारते-पीटते एक स्कूल में ले गए और उससे सादे पेपर पर जबरियां हस्ताक्षर करवा कर धमकी दिए। एसओ दुधारा उसे लेकर वहीं स्थान पर गए, जहां से लोग उठाए थे। एसओ उसके पीछे- पीछे मुंडेरवा तक गए और किसी अंजान व्यक्ति से लिखवाकर उससे हस्ताक्षर करवा कर छोड़ दिए। एसओ की भूमिका पर भी सवाल उठाया। इस साजिश में कुछ अन्य लोग भी शामिल है। पीड़ित ने एसपी से कार्रवाई की मांग की।विधायक सदर अंकुर राज तिवारी ने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत बीडीसी सदस्य को बरगला कर उनके ऊपर गलत आरोप लगवाया जा रहा है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता से विपक्षी हताश और निराश है। बीडीसी सदस्य खुद पुलिस को दो दिन में दो बयान दिया है। पुलिस की जांच में खुद सच्चाई सामने आ जाएगी।

एसपी सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि बीडीसी सदस्य फूलचंद पटेल ने मंगलवार को पुलिस को खुद के साथ किसी तरह की घटना नहीं होने की बात बताई थी। जबकि बुधवार को सदर विधायक और उनके सहयोगियों पर अपहरण कर मारने-पीटने का आरोप मढ़ रहे है। पीड़ित ने दो दिन में दो तरह की बात कहीं है। ऐसे में प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एएसपी संतोष कुमार सिंह को जांच सौंपी गई है। एसओ के भूमिका की भी जांच होगी। एएसपी से तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जांच रिपोर्ट के बाद जैसी स्थिति होगी,वैसी कार्रवाई आगे की जाएगी।