भारत को अपने पारंपरिक सैन्य सामग्री आपूर्तिकर्ता रूस से दूर करने के लिए अमेरिका जी तोड़ कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में भारत को आकर्षित करने के लिए अमेरिका ने बंगलूरू में चल रहे एयरो इंडिया-2023 में पहली बार अपने सबसे उन्नत लड़ाकू विमान एफ-35, एफ-16एस, सुपर हॉर्नेट्स और बी-1बी बमवर्षक युद्धक विमानों का प्रदर्शन किया।

भारत अपनी हवाई क्षमता को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सोवियत युग के लड़ाकू जेट बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहा है और वह यूक्रेन युद्ध के कारण रूस से आपूर्ति में देरी को लेकर चिंतित भी है। साथ ही भारत को मास्को से खुद को दूर करने के लिए पश्चिम के दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है। पांच दिनी एयरो इंडिया में 27 साल के इतिहास में सबसे बड़े अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने शिरकत की है। यह भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को दिखाता है।

अभी एफ-35 खरीदने पर विचार नहीं
भारतीय वायुसेना के एक सूत्र के अनुसार, एफ-35 को खरीदने पर भारत अभी विचार नहीं कर रहा है लेकिन एयरो इंडिया में पहली बार दो एफ-35 का प्रदर्शन वाशिंगटन के लिए नई दिल्ली के बढ़ते सामरिक महत्व का संकेत है। भले ही हथियारों की बिक्री संबंधों की आधारशिला नहीं है, फिर भी भारत और अमेरिका के बीच सैन्य स्तर पर सहयोग है। अमेरिका एफ-16 की बिक्री चुनिंदा देशों को ही कर रहा है।

भारतीय विमानन कंपनियों की 1,200 विमानों का ऑर्डर देने की योजना
सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन इंडिया (सीएपीए) के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियाें के अगले 24 महीने में 1,200 और विमानों के ऑर्डर देने की योजना है। इससे पहले एअर इंडिया ने एयरबस और बोइंग को 470 विमानों का निश्चित और 370 विमानों का संभावित ऑर्डर दिया था। सीएपीए इंडिया के अनुसार, 1000-1200 विमानों की खरीद के ऑर्डर देने की शुरुआत इंडिगो के एक बड़े ऑर्डर से होगी।