अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अग्निवीर स्कीम को राष्ट्रीय हित और सशस्त्र बलों की बेहतरी के लिए लाया गया है। इस अग्निपथ योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं बनता है। दरअसल, अग्निपथ योजना समय की जरूरत है। भारत के आसपास माहौल बदल रहा है। बदलते समय के साथ सेना में बदलाव जरूरी है। इसे एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। ये योजना उसी का एक हिस्सा है।
सेना को क्या फायदा मिलेगा?
देश को सुरक्षित करने के लिए तकनीक, हाईटेक हथियार, सिक्योर डिफेंस कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। हमने नई-नई तकनीक का प्रयोग शुरू किया है। यहां तक की हमने स्पेस पॉवर में भी बड़ी सफलता हासिल की है। इसको ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी जो तकनीक के मामले में दक्ष होते हैं। अग्निपथ योजना इसी का एक हिस्सा है। इससे हमें बड़ी संख्या में टेक फ्रेंडली युवा मिलेंगे।
2022-23 वर्ष का युवक चार वर्ष अग्निवीर के रूप में गुजारकर जॉब मार्कट में आया है। उसकी तुलना उस युवक से कीजिए जो अग्निवीर नहीं बना। जो अग्निवीर अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले हर मोर्चे पर आगे रहेगा। इसलिए उसके पास कोई रास्ता बंद नहीं हुआ है। उसके पास करीब 11 लाख रुपये भी हैं। अगर वह चाहे तो पढ़ाई कर सकता है, कोई बिजनेस कर सकता है।