टोल हटाओ संघर्ष समिति गठित, हाईकोर्ट में लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

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ऑडिट और सीबीआई जांच की करेंगे मांग, रिकवरी के लिए पूरा स्कैंडल चलाया जा रहा है
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। खेड़की दौला टोल से पीड़ित होकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की वादा खिलाफी के विरोध में स्थानीय लोगों ने आंदोलन की रणभेरी फूंक दी है। सरहौल बॉर्डर टोल हटाओ संघर्ष समिति की तर्ज पर यहां के आसपास के ग्रामीण, सोसाइटी, कॉलोनियों की आरडब्ल्यूए, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, कामगार यूनियनों और असंगठित क्षेत्र के कंपनी मजूदरों ने मिलकर खेड़की दौला टोल हटाओ संघर्ष समिति का गठन कर लिया है।
इस समिति में फिलहाल एक हजार लोग शामिल हो गए हैं। आए दिन इसका कारवां बढ़ रहा है। जिस तरह सरहौल बॉर्डर का टोल हटवाने के लिए शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ मिलकर आम शहर वासियों ने बड़ा और कड़ा संघर्ष किया, उसी तरह यह समिति भी बड़े और कड़े संघर्ष की कार्ययोजना तैयार कर रही है। उस दौर में चेहरे अलग थे, इस दौर में नए चेहरों ने टोल के लिए संघर्ष करने का बीड़ा उठाया है। उस समय लोगों ने सड़कों पर उतरकर, भूख हड़ताल कर, धरना प्रदर्शन के साथ अपनी मांग मनवाने में सफलता हासिल की थी, लेकिन इस बार संघर्ष पिछली बार से जुदा होगा।

समिति के अगुवा मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पवन यादव, महासचिव मनोज त्यागी, शिकोहपुर के पूर्व सरपंच श्योचंद, गजराज यादव मानेसर के अनुसार इस बार समिति ना प्रदर्शन करेगी, ना धरना देगी। पूरी तरह कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी। टोल वसूली के नाम पर गैर कानूनी तरीके से उगाही की जा रही है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में इसकी ऑडिट की मांग करेंगे, सीबीआई से जांच की मांग करेंगे। इसमें बड़ा घपला हुआ है।
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बैंक की रिकवरी और केएमपी निर्माण का वसूला जा रहा पैसा : मनोज त्यागी, गजराज मानेसर के अनुसार इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार झूठी साबित हुई है। पहले पचगांव में टोल को शिफ्ट करने का झूठा आश्वासन दिया जाता रहा। जबकि खुद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पचगांव में टोल के लिए चिन्हित की गई जमीन को 2021 में निरस्त कर चुका है। दरअसल, खेड़की दौला टोल पर बैंक कर्ज की रिकवरी और केएमपी निर्माण का पैसा वसूला जा रहा है, जो गैरकानूनी है।

मनोज ने कहा कि हमने पूरे मामले की तह तक जांच कर पता लगाया है कि 2007 में डीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पहले राजीव चौक तक, फिर बाद में बढ़ाकर खेड़की तक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे का निर्माण किया था। इसी साल सरहौल बॉर्डर और खेड़की दौला पर टोल वसूली भी शुरू कर दी। डीएस कंस्ट्रक्शन ने सात साल बाद 2012 में केएमपी का निर्माण शुरू किया। जिसके लिए उसने चार या पांच बैंकों से 1200 करोड़ रुपये का ऋण लिया। जब हाईकोर्ट की इजाजत पर सरहौल बॉर्डर टोल हटाए जाने का आदेश दिया जा रहा था तो बैंकों ने अपनी 1600 करोड़ रुपये की रिकवरी की दलील दी। बैंकों ने कहा कि 1200 करोड़ का लोन ब्याज सहित 1600 करोड़ हो गया है। कोर्ट ने कहा कि खेड़की दौला में एक जगह टोल से रिकवरी की जा सकती है, बॉर्डर का टोल तो हटाना पड़ेगा। तब से बैंक यहां से अपने ऋण की रिकवरी कर रहे हैं।