हेलीपोर्ट के 500 किमी. के दायरे में आने वाले दर्शनीय और धार्मिक स्थलों का भ्रमण आसानी से हो सकेगा। पूरी यात्रा हेलीकॉप्टर (एंड टू एंड एयर ट्रेवल) से ही होगी। इसमें किसी अन्य साधन का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा।

अब नोएडा से हरिद्वार, ऋषिकेश समेत 20 शहरों के लिए हेलीकॉप्टर सीधी उड़ान भरेंगे। सेक्टर-151ए में करीब 9.2 एकड़ में लगभग 43 करोड़ की लागत से प्रस्तावित हेलीपोर्ट से यह सुविधा मिलेगी। बुधवार को प्राधिकरण ने इस परियोजना में सिंगल बिड खोलने की मंजूरी दे दी। इससे पहले शासन ने यह मंजूरी दी थी। मंजूरी मिलने के बाद बिड खोलकर दस्तावेज की जांच के लिए कंसल्टेंट कंपनी राइट्स को भेज दिए गए हैं। दक्षिण भारत की कंपनी रिफेक्स एयरपोर्टस एंड ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड ने योजना के लिए टेंडर भरे थे। जांच में दस्तावेज सही पाए गए तो एक माह में हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

अब कंपनी के दस्तावेज का तकनीकी परीक्षण होगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि प्राधिकरण ने जिस मानक पर दस्तावेज मांगे थे। वह मानकों पर खरे उतर पा रहे हैं या नहीं। मानक पर खरे उतरने पर फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। इससे यह पता लगेगा कि उक्त एजेंसी कितनी रकम में हेलीपोर्ट बनाएगी। कंपनी को एक साल में हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा करना होगा।

500 किमी. के दायरे में जाएंगे हेलीकॉप्टर
हेलीपोर्ट के 500 किमी. के दायरे में आने वाले दर्शनीय और धार्मिक स्थलों का भ्रमण आसानी से हो सकेगा। पूरी यात्रा हेलीकॉप्टर (एंड टू एंड एयर ट्रेवल) से ही होगी। इसमें किसी अन्य साधन का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि दायरे में आने वाले धार्मिक लोकेशनों तक सेवा शुरू करने का आकलन किया गया है। यहां तक की सेवा स्थानीय निवासियों समेत दिल्ली-एनसीआर के लोग ले सकते हैं। वहां से कनेक्टिंग हेलीपोर्ट के माध्यम से चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। इसमें बदरीनाथ, केदारनाथ, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी समेत कई दर्शनीय स्थलों पर जाने का मौका मिलेगा। जहां-जहां हेलीपोर्ट की सुविधा होगी। वहीं से इसकी कनेक्टिविटी बनाई जाएगी।

30 साल के लिए पीपीपी मॉडल पर करना होगा काम
चयनित कंपनी को अगले 30 साल तक पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर काम करना होगा। यानी कंपनी हेलीपोर्ट निर्माण में जितनी राशि लगाएगी। उसको हेलीपोर्ट का संचालन कर वसूल करेगी। वहीं प्राप्त होने वाले राजस्व में नोएडा प्राधिकरण का भी शेयर होगा। अधिकारियों का कहना है कि काफी पहले राइट्स एजेंसी से आकलन कराया गया था। जिसमें बताया गया था कि भविष्य में यहां बनने वाले गोल्फ कोर्स में विदेशों से भी लोग आ सकते हैं। इसके लिए वह दिल्ली या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उतर सकते हैं। वहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से यहां आएंगे। बताया गया कि बहुत सारे लोग अलग-अलग कार्यों से चीन और कोरिया से आते हैं। वह यहां आने के बाद वह कुछ दिन ठहर सकते हैं। गोल्फ का आनंद ले सकते हैं।12 यात्री वाले 6 और 32 यात्री वाले दो हेलीकॉप्टर होंगे
अधिकारियों के मुताबिक हेलीपोर्ट पर 12 यात्रियों वाले 6 हेलीकॉप्टर की सुविधा मिलेगी। वहीं 32 यात्रियों वाले दो हेलीकॉप्टर यहां होंगे। इसमें एमआई 172, बेल जैसे हेलीकॉप्टर की सुविधा मिलेगी।