भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने मांगी सुरक्षा, पुलिस ने मांगे कई साल पुरानी रिकॉर्डिंग व सबूत

-कट्टरपंथियों से खतरा होने के चलते मांगी थी अपनी व परिवार की सुरक्षा

अमर उजाला ब्यूरो

गुरुग्राम। सेक्टर-14 थाना पुलिस से अपनी व अपने परिवार के जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाने वाले भाजपा के के पूर्व जिला अध्यक्ष और बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान कुलभूषण भारद्वाज को कमिश्नरेट की पुलिस ने परेशानी में डाल दिया है। पूर्व जिलाध्यक्ष को सेक्टर-14 थाना प्रभारी ने नोटिस जारी कर उनसे ही आठ बिंदुओं पर सवाल किए हैं।
एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज ने गत 11 फरवरी से तीन मार्च तक तीन बार अपने व अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सेक्टर-14 थाना में सुरक्षा की गुहार लगाई थी। लेकिन गत 15 मार्च को सेक्टर-14 थाना प्रभारी ने शिकायतकर्ता से ही कई बिंदुओं पर सवाल किए हैं, जिनमें उनसे सबूत व रिकॉर्डिंग की मांग की है। पुलिस ने कुलभूषण भारद्वाज को उनके द्वारा चलाए गए आंदोलनों की वीडियो व साक्ष्य मांगे हैं। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने कुलभूषण भारद्वाज को कहा कि वह अपने घर के पास घूम रहे संदिग्ध व्यक्तियों की रिकॉर्डिंग व उनके नाम व पता पुलिस को मुहैया कराएं। पुलिस ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष से पूर्व में कोर्ट में इमाम बुखारी के साथ हुए विवाद को लेकर भी संबंधित कागजात, रिकॉर्डिंग व कोर्ट के आदेशों की सभी कागजात भी मांगे हैं। वहीं पालम विहार में सरकारी पार्क को लेकर किए गए आंदोलन में उनकी भूमिका के दस्तावेज व रिकॉर्डिंग, खुले में नमाज अदा करने को लेकर पदौदी में महापंचायत उनकी भूमिका, गोतस्करों से मुकाबले की रिकॉर्डिंग जिसमें वे विक्रांत यादव के एडवोकेट, साक्षी या शिकायतकर्ता जो भी हैं उसके दस्तावेज पुलिस ने मांगे हैं। एक लंबी खासी दस्तावेजों की फेहरिस्त कुलभूषण भारद्वाज को पुलिस के समक्ष पेश करनी होगी, यदि उनको पुलिस सुरक्षा चाहिए। जिसमें खुले में नमाज को लेकर उनके द्वारा चलाए आंदोलन की रिकॉर्डिंग, जान से मारने की धमकी की रिकॉर्डिग, सेक्टर-23 में नमाज व कब्रिस्तान को लेकर उनके द्वारा डीसी को सौंपे गए संबंधित दस्तावेज ऐसी तमाम जानकारी कुलभूषण भारद्वाज को सेक्टर-14 थाना पुलिस के समक्ष पेश करने होंगे।

कुलभूषण भारद्वाज का बयान
एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज का कहना है कि पुलिस का खुफिया विभाग फिर कहां सक्रिय है। उनके घर के आसपास घूमने वाले संदिग्ध पर तो पुलिस को जांच करनी चाहिए।

भाजपा में रहकर भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज पर हुए निष्कासित:

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगा कर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
कुलभूषण ने सेवा का अधिकार आयोग के चेयरमैन पद पर टीसी गुप्ता की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई वीडियो और कमेंट पोस्ट किए थे। उसके बाद भी कुलभूषण ने सरकार के कई निर्णयों का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया था।