नौ मार्च को आरोपी ने दोबारा बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था, तब उसकी मां ने मामले की रिपोर्ट मुरादनगर थाने में दर्ज कराई थी।

गाजियाबाद में बच्ची से दुष्कर्म के दोषी मोंटी को पाक्सो कोर्ट तीन के विशेष न्यायाधीश तेंद्र पाल सिंह ने 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 27 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है। अदालत ने अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। घटना आठ वर्ष पूर्व की है।

विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि थाना मुरादनगर क्षेत्र में रहने वाली एक महिला 28 फरवरी 2015 को अपने बेटे के साथ मेरठ स्थित सुभारती मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने गई थी। घर के सभी लोग खेत पर काम करने गए हुए थे। उसकी 11 वर्षीय बेटी घर में अकेली थी। घटना वाले दिन 11 वर्षीय बच्ची घर से कुछ दूर खेत में सुबह करीब 10:30 बजे शौच करने के लिए गई थी। गांव निवासी मोंटी ने मासूम बच्ची को जबरदस्ती गन्ने के खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

दोबारा किया था दुष्कर्म का प्रयास
नौ मार्च को आरोपी ने दोबारा बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था, तब उसकी मां ने मामले की रिपोर्ट मुरादनगर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मोंटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।