माफिया अतीक अहमद के आने से पहले ही गुर्गे काली कोर्ट में कचहरी में दाखिल हो गए थे। फिर साए की तरह आका के साथ रहे। कचहरी में नए चेहरों को पहचानने की कोशिश होती रही। टोकाटाकी पर कई युवक वहां से हट गए।

प्रयागराज में कचहरी परिसर में अतीक के गुर्गों ने उसके आने से पहले ही जगह ले ली थी। खुफिया सूत्रों के मुताबिक माफिया की पेशी के दौरान उसके गुर्गों ने आका की हिफाजत फुल प्रूफ प्लान तैयार किया था। नैनी जेल से कचहरी तक गुर्गे साए की तरह साथ लगे रहे।

कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच एमपीएमएलए कोर्ट में माफिया की पेशी के लिए नैनी जेल से कचहरी तक का करीब 16 किमी का सफर दिलचस्प रहा। दिन के 11:49 बजे नैनी जेल से अतीक का काफिला पेशी के लिए निकला। करीब 26 मिनट बाद 12:15 बजे अतीक का काफिला कोर्ट पहुंचा।

इससे पहले माफिया के गुर्गे काली कोट में कचहरी परिसर में दाखिल हो चुके थे। इतना ही नहीं, काफिले के साथ भी इनोवा व अन्य लग्जरी गाड़ियां चलती नजर आईं। सत्र न्यायालय भवन के बाहर गेट नंबर एक के अलावा गेट नंबर दो पर भी काली कोट में कई चेहरों को पहचानने की कोशिश की जा रही थी।

कचहरी के भीतर कई गुर्गे पहले ही काली कोट में दाखिल हो गए थे। वह एमपीएमएलए कोर्ट में पेशी के लिए माफिया अतीक को ले जाए जाते समय पुलिस घेरे के आसपास साए की तरह लगे रहे।

 

कोर्ट के बाहर सुबह से ही थी भारी भीड़

यह गुर्गे अतीक के कोर्ट पहुंचने से लेकर बाहर निकलने तक फोन से लगातार अपडेट करते रहे। कुछ वकीलों ने नए दिख रहे अधिवक्ताओं को टोका भी। पूछा कि वे कहां वकालत करते हैं। हालांकि, बात बदलकर गुर्गे वहां से हट गए। कोर्ट के बाहर सुबह 10 बजे से ही भारी भीड़ थी।

भीड़ में पुलिस वाले, मीडियाकर्मी और वकील शामिल थे। आसपास के रहने वाले तमाम लोग भी वहां खड़े थे। इसी भीड़ का फायदा उठाकर अतीक गिरोह के तमाम गुर्गे वहां आ गए। इनमें से कई ने वकील की ड्रेस पहन रखी थी, लेकिन हाव भाव से वे अलग लग रहे थे। वे लगातार कुछ लोगों को फोन पर अपडेट दे रहे थे। शुरुआत में एक बार अफवाह उड़ गई कि सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
इसके बाद गुर्गों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। वे फोन ही नहीं लगातार मैसेज भी कर रहे थे। उनकी हरकतों और हाव भाव से कुछ वकीलों ने उनसे पूछा भी कि कहां वकालत करते हैं। बात बदलकर वे वहां से हट गए। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपियों को वज्र वाहन से वापस ले जाया जाने लगा तो फिर गुर्गे एक्टिव हुए। वे तुरंत अपनी अपनी गाड़ियों से वज्र वाहन के पीछे-पीछे चले गए।