बाराबंकी। करीब 10 दिन पहले बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान से अब तक किसान उबर भी नहीं पाए थे और न ही प्रशासन की ओर से कराया जा रहा सर्वे ही पूरा हो सका था। इसी बीच शुक्रवार सुबह फिर तेज हवाओं के साथ हुई बारिश किसानों पर आफत बनकर बरसी। कई क्षेत्रों में बारिश अधिक होने से खेतों में कट चुकी गेहूं की फसल भीग गई। इससे कटाई व मड़ाई की तैयारी में जुटे किसानों को अभी और इंतजार करना पड़ेेगा। तेज हवा व बरसात होने से गेहूं की फसल खेतों में पसर गई है। बादलों की आवाजाही से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। अगर आने वाले दिनों में भी बारिश हुई तो गेहूं के साथ सरसों के साथ दलहन की फसलें बर्बाद हो जाएंगी, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

मौसम विभाग के पूूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार की सुुबह फिर मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी। सात बजेे सेे शुरू हुई बारिश करीब डेढ़ घंटे तक शहर से लेेकर ग्रामीण इलाकों में होती रही। सदर तहसील के देवा, हरख, मसौली, जहांगीराबाद, सतरिख के अलावा फतेहपुुर के कुर्सी, निंदूरा, बड्डूपुर, हैदरगढ़, सिरौलीगौसपुर, दरियाबाद समेत तमाम क्षेत्रों में बारिश हुई। इससे खेतों में कटाई कर रखी गई गेहूं की फसल भीग जाने सेे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

निंदूरा क्षेत्र के भद्रास, बिसई, बसारा, बाबागंज समेत तमाम गांवों में खेत में कटी फसल भीग गई है। दरियाबाद के मिश्रीपुुरवा समेत अन्य गांवों में गेहूं की कटाई की तैयारी धरी रह गई। सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में पछुआ हवाओं के साथ हुई बारिश से किसान बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए। फतेहपुर की ग्राम पंचायत जुम्मनपुरवा निवासी रमेश यादव की गेहूं की फसल खेत में कटी पड़ी फसल भीग गई है। बारिश दोबारा होने की स्थिति में भारी नुकसान उठाना पड़ेेगा।

हैदरगढ़ के तेजपुरवा, बरावां, मर्दापुर समेत कई गांंवों में असमय बारिश से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा। किसान प्रदीप सिंह, मंशाराम के गेहूं की फसल गिर गई है। मर्दापुरवा में सरसों, महिमापुर में रामकुमार सिंह, विकास समेत तमाम ग्रामीणों की गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान हुआ है।

गेहूं की भीगी फसल को पलट दें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. एसके सिंह ने बताया किसानों की गेहूं व सरसों की फसल खेत में खड़ी है तथा कई लोगों ने काटकर खलिहान में मड़ाई के लिए रखा है। बारिश से दोनों में नुकसान होना तय है। खेत में नमी से कटाई व मड़ाई में देरी होगी। अरहर, चना, मसूर में भी बारिश से नुकसान हुआ है। किसान बारिश का असर कम करने के लिए गेहूं की भीगी फसल को पलट दें, जिससे काला पड़ने से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनाज का भंडारण पूरी तरह सूखने पर ही करें, ताकि फसलों में कीड़े न लगें। कीड़ा लगने की स्थिति में फसलों को अधिक नुकसान होगा।

सिर्फ कुर्सी में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान
फतेहपुर तहसील क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से 401 गांव के सर्वे में मात्र कुर्सी में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान था। तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि करीब 60 किसानों की 30 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, जिसका डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है। हैदरगढ़ क्षेत्र में 10 से 20 प्रतिशत नुकसान का आकलन किया गया है। तहसीलदार शशि कुमार त्रिपाठी के मुताबिक कहीं भी 33 प्रतिशत सेे अधिक नुकसान नहीं हुआ है। फिलहाल रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। नवाबगंज तहसील क्षेत्र में पांच से 15 प्रतिशत ही नुकसान का अनुमान है।