रायबरेली। वित्तीय वर्ष शुक्रवार को खत्म हो गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी विभाग 1.50 अरब से अधिक का बजट खर्च करने में नाकाम रहे। बेसिक शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग बजट खर्च करने में सबसे पीछे रहे। अधिकारी और कर्मचारी किसी भी हाल में अंत तक बजट को ठिकाने लगाने में जुटे रहे। कोषागार में वरिष्ठ कोषाधिकारी जितेंद्र सिंह व रोहित बाजपेयी ने एक-एक बिल को बारीकी से चेक करने के बाद पास किया।

वित्तीय वर्ष 2022-23 का शुक्रवार को अंतिम दिन था। शासन ने 25 मार्च तक ही अधिकतम भुगतान करने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी विभाग समय से बजट को खर्च नहीं कर पाए। शुक्रवार सुबह से ही ट्रेजरी में भुगतान कराने के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहा। कई बिलों में कमियां होने के कारण अधिकारियों को सुधार के लिए उन्हें कोषागार से वापस भी किया। शाम तक भुगतान की प्रक्रिया चलने के बाद भी जिले के विभाग 1.50 अरब से अधिक का बजट खर्च करने में नाकाम रहे।

इन विभागों में सबसे अधिक बचा बजट
विभाग का नाम नहीं खर्च हो सका बजट (करोड़ों में)
बेसिक शिक्षा विभाग 38.20
लोक निर्माण विभाग 35.33
स्वास्थ्य विभाग 30.66
माध्यमिक शिक्षा 5.20
सिंचाई विभाग 3.10
पुलिस व पीएसी 2.50
कृषि विभाग 1.87
बाल विकास पुष्टाहार 1.80

आखिरी दिन भी कोषागार में जो बिल विभागों की ओर से प्रस्तुत किए गए, उनकी जांच करके भुगतान किया गया। कुछ विभाग ज्यादा बजट खर्च नहीं कर पाए। बिलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करके भुगतान किया गया।
जितेंद्र सिंह, वरिष्ठ कोषाधिकारी