रूस इसके लिए अपने जंगी फाइटर्स में से एक को लैजर वीपन्स के साथ लैस कर रहा है। इसकी खासियत यह होती है कि यह सैटेलाइट्स को तबाह करने में सक्षम होते हैं, जबकि धमाके की आवाज भी नहीं होती है।

 रूस और यूक्रेन की जंग को एक साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। नतीजा न निकलता देख रूस अब एक कदम आगे बढ़कर यूक्रेन को नेस्तनाबूत करने की सोच रहा है। वो यूक्रेनी बलों की सबसे बड़ी ताकत साबित हुए कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स को निशाना बनाने की सोच रहा है। इसके लिए वो अपने पुराने और एकदम खतरनाक फाइटर जेस्ट को एंटी-सेटेलाइट मिसाइलों से लैस कर रहा है। यही नहीं, रूस इसके लिए अपने जंगी फाइटर्स में से एक को लैजर वीपन्स के साथ लैस कर रहा है। इसकी खासियत यह होती है कि यह सैटेलाइट्स को तबाह करने में सक्षम होते हैं, जबकि धमाके की आवाज भी नहीं होती है।

एमआईजी-31डी  पर तैनात हो रहे महाविनाशक

मीडिया रिपोर्ट्स की मांनें तो रूस अपने पुराने एमआईजी-31डी जेट पर एंटी सेटेलाइट मिसाइल्स की तैनाती कर रहा है। ऐसा करने के पीछे उन सेटेलाइट्स को निशाना बनाना उसका मकसद है, जो अवैध तरीके से उसके लक्ष्यों के आड़े आ रहे हैं। इसमें एलन मस्क की कंपनी के इंटरनेट सर्विस देने वाले सैकड़ों सेटेलाइट्स भी हो सकते हैं। क्योंकि रूस के हमले के बाद यूक्रेनी सैनिकों और सरकार को एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ही इंटरनेट सेवा दे रही है। अगर रूस इन सेटेलाइट्स को गिरा देता है, तो फिर यूक्रेन के लिए रूस को रोकना मुश्किल हो जाएगा।

क्या है कॉम्बैट लेजर?

अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल इस तकनीकी में महारत हासिल कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके इस्तेमाल की पुष्टि वाली खबरें आई नहीं हैं। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, इनका जमकर इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन घोषित तौर पर नहीं।