सिक्किम में हुए हिमस्खलन में रेखा की दुनिया उजड़ गई। उसकी आंखों के सामने पलभर में पति बाल सिंह और मासूम बेटी मौत के मुंह में समा गए। पति और बेटी की मौत के बाद उसका रो-रोकर बुरा हाल है।

लखीमपुर खीरी के स्वास्थ्यकर्मी बाल सिंह पत्नी रेखा और पांच वर्षीय बेटी रेव्या सिंह उर्फ चीकू के साथ सिक्किम में छुट्टी मनाने गए थे। मंगलवार को सिक्किम के नाथुला दर्रे के पास हुए भयानक हिमस्खलन की चपेट में आने से बाल सिंह और उनकी बेटी रेव्या की मौत हो गई। गुरुवार देर रात दोनों के शव पैतृक गांव लाए गए। शुक्रवार की सुबह दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।

हिमस्खलन में रेखा की दुनिया उजड़ गई। उसकी आंखों के सामने पलभर में पति और बेटी मौत के मुंह समा गए। वह तबाही के मंजर को भुला नहीं पा रही। रेखा देवी ने बताया कि मंगलवार को सिक्किम में कई जगह पर हिमस्खलन होने से रास्ता बंद हो गया था। इसके बाद वह लोग एक होटल में रुक गए थे। फिर पता चला कि रास्ता साफ किया जा रहा है, जिसके बाद सभी गाड़ी से घूमने के लिए निकले थे।

रेखा ने बताया कि रास्ते में एक जगह बर्फ की चट्टान देखने के बाद पति बाल सिंह ने गाड़ी रुकवा दी और सेल्फी लेने की बात कही। वहां अन्य लोग भी सेल्फी ले रहे थे। मना करने के बाद भी पति बेटी को लेकर फोटो खींचने के लिए चले गए। इसी दौरान अचानक हिमस्खलन हो गया। तबाही का मंजर बताते हुए रेखा फफक पड़ी। बोली, वह बदहवास होकर पति और बेटी को बर्फ में तलाशती रही। जब दोनों के शव मिले तो बिलख पड़ी।

पिता-पुत्री के शव देख नम हुईं आंखें 
परिवार वालों ने बताया कि गुरुवार को लखनऊ तक शवों को लाया गया था। इसके बाद वहां से एंबुलेंस के जरिए शव लखीमपुर लाए गए। यहां से शव देर रात घर पहुंचा तो परिजन में कोहराम मच गया। रेखा रो-रोकर बेसुध हो गई। शुक्रवार सुबह पहले बाल सिंह और उसके बाद पुत्री रेव्या सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हर किसी की आंख नम रही।
तीन भाइयों में सबसे छोटे थे बाल सिंह 
सौनहा गांव के मूल निवासी स्वास्थ्यकर्मी बाल सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। सबसे बड़े भाई बद्दल सिंह और उसके बाद दूसरे नंबर के भागी राना गांव में ही रहते हैं। बाल सिंह की नौकरी लगने के बाद वह अपने परिवार के साथ लखीमपुर में रहने लगे थे। बाल सिंह की पत्नी रेखा देवी सन् 2012 में बेलरायां के भेडौरी गांव की प्रधान रह चुकी हैं।