भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे। स्थिति अब नियंत्रण में है। जो लोग जमा हुए थे उन्हें घर भेज दिया है। तनाव को देखते हुए आंशिक रूप से मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
झारखंड के जमशेदपुर में माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। बताया जा रहा है कि एक धार्मिक झंडे के कथित अपमान के बाद दो गुटों के बीच शास्त्रीनगर में हिंसक झड़क हो गई। उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया साथ ही कई दुकानों और एक ऑटो-रिक्शा में आग लगा दी। बाद में स्थिती संभालने के लिए पुलिस ने रविवार शाम को क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की।
जमशेदपुर एसपी के. विजय शंकर ने बताया कि इस मामले में दोनों समुदायों के कुल 55 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अभय सिंह के एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके समर्थकों ने थाने में आकर अभद्रता की है। इन सब पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दो समुदायों के बीच हिंसा भड़कने के बाद जमशेदपुर प्रशासन ड्रोन से निगरानी कर रहा है।
आंसू गैस के गोले दागे
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के अनुसार, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे। उन्होंने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। जो लोग जमा हुए थे उन्हें घर भेज दिया है। साथ ही पूरे इलाके में जवानों को तैनात कर दिया गया है। वहीं अर्धसैनिक बलों ने आज सुबह इलाके में फ्लैग मार्च किया। तनाव को देखते हुए आंशिक रूप से मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
शांति भंग करने की कोशिश
पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी साजिश को विफल करने के लिए आम नागरिकों से सहयोग का अनुरोध किया। पुलिस ने बताया कि इलाके में शनिवार रात तब से ही तनाव व्याप्त है जब एक स्थानीय संगठन के सदस्यों ने रामनवमी के झंडे को अपवित्र पाया।
31 मार्च को भी हुई थी हिंसा
इससे पहले 31 मार्च की रात को भी रामनवमी पर जमकर हिंसा हुई थी। जमशेदपुर के हल्दीपोखर में रामनवमी पर जमकर पथराव हुआ था। लोग रामनवमी का जुलूस निकाल रहे थे। जब जुलूस जुगसलाई पहुंचा तो कुछ लोगों ने विरोध करते हुए जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया था। इस घटना से गुस्साए लोगों ने बाटा चौक में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया था।