आग लगने के बाद पास में ही स्थित नीरज श्रीवास्तव व विक्रम ने आनन फानन अपने मकान को खाली कर दिया। आनन-फानन सिलिंडर को बाहर किया गया। इसके बाद फिर जरूरी सामान को बाहर कर दिया गया, ताकि आग से बचाया जा सके।
साहब, कुछ नहीं बचा है। यही रोजी-रोटी का सहारा था, वह भी जल गया। किराएदारी का विवाद पहले से ही चल रहा था और अब तो दुकान ही राख हो गई। हम लोगों के सामने अब गृहस्थी चलाने का संकट हैं। दुकान मालिक सलमान, आसिफ व बबलू ने बताया कि, दुकान पर तीन लाख रुपये से अधिक का सामान तो आज ही आया था और पहले का था। अब यह सब फिर से खड़ा कर पाना संभव नहीं है। सरकार से ही भरोसा है।
सलमान ने कहा कि, सरकार से मदद मिली तो ही दोबारा अब बस पाएंगे, नहीं तो सब कुछ उजड़ गया। आसिफ ने कहा कि कई लोगों का ऑर्डर बनकर तैयार था। कल को वे भी तगादा के लिए आएंगे, उनसे तो रुपये ले चुके थे और सामान अब जलकर राख हो गया। इसी से वर्षों से हम लोगों की रोजी रोटी चल रही थी। बबलू ने बताया कि कई कर्मचारी भी अपना रुपया पैसा यही पर रखते थे, उनका भी सब नुकसान हो गया।