सिधाई गांव निवासी दरोगा राजभर के चार पुत्रों और तीन पुत्रियों में सबसे छोटे पुत्र राजकपूर (24) व सबसे छोटी बेटी पुष्पा(19) मंगलवार की शाम को घर में अकेले थे। परिजनों ने बताया कि राजकपूर तीन साल से बीमार चल रहा था। राजकपूर की पत्नी रेनू मंगलवार सुबह पति के स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगने जालंधर गई। ऐसे में घर से काम के लिए जाते समय बहन पुष्पा उसकी देखभाल के लिए रुकी थी।
कोतवाली क्षेत्र के सिधाई गांव में मंगलवार की शाम करीब पांच बजे घर का मुख्य दरवाजा बंद करके पंखे के हुक से सगे भाई और बहन ने फंदा लगाकर जान दे दी। काम करके घर लौटे परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो मातम छा गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
सिधाई गांव निवासी दरोगा राजभर के चार पुत्रों और तीन पुत्रियों में सबसे छोटे पुत्र राजकपूर (24) व सबसे छोटी बेटी पुष्पा(19) मंगलवार की शाम को घर में अकेले थे। परिजनों ने बताया कि राजकपूर तीन साल से बीमार चल रहा था। राजकपूर की पत्नी रेनू मंगलवार सुबह पति के स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगने जालंधर गई। ऐसे में घर से काम के लिए जाते समय बहन पुष्पा उसकी देखभाल के लिए रुकी थी। शाम करीब पांच बजे जब लोग काम करके लौटे तो घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था। पुष्पा को खोलने के लिए आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।