पुलिस ने मोनिका के प्रेमी के गाजियाबाद स्थित उसके घर पर छापेमारी की तो वह घर से गायब मिला। इसके अलावा घटना वाले दिन शाम से उसका मोबाइल भी बंद मिला।
कोई सोच भी सकता था कि घर की इज्जत बहू ही सास-ससुर की हत्या में शामिल हो सकती है। उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने घंटों बाद इस दोहरे हत्याकांड की गुत्थी से पर्दा उठाकर बहू मोनिका (30) को गिरफ्तार कर लिया। अपने प्यार को पाने और प्रॉपर्टी हथियाने के लिए मोनिका ने प्रेमी और उसके दोस्त से वारदात को अंजाम दिलवाया।
दोहरे हत्याकांड के बाद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में 60 जवानों की टीम गठित की गई। इसमें दो एसीपी, आठ इंस्पेक्टर व अन्य लोग शामिल थे। इसमें एसआई सचिन ढांगी को लोकल इंटेलिजेंस जुटाने के लिए कहा गया। पड़ोसियों से पता चला कि परिवार के बहू से ठीक संबंध नहीं थे। रवि और मोनिका अपनी शादी से खुश नहीं थे। इसके अलावा मोनिका का गाजियाबाद के रहने वाले आशीष नामक युवक से प्रेम प्रसंग था। इसकी जानकारी पति रवि के अलावा सास-ससुर को भी थी। इसको लेकर परिवार में अक्सर झगड़े होते रहते थे। राधे श्याम चिल्ला-चिल्लाकर बहू को डांटते थे जबकि सास उस पर नजर रखती थी।
पुलिस ने मोनिका के प्रेमी के गाजियाबाद स्थित उसके घर पर छापेमारी की तो वह घर से गायब मिला। इसके अलावा घटना वाले दिन शाम से उसका मोबाइल भी बंद मिला। पुलिस का शक यकीन में बदल गया। सीसीटीवी कैमरों की जांच में बाइक सवार दो युवक गली में आते-जाते दिखाई दिए।
मोनिका से सख्ती से पूछने पर उसने सास-ससुर की हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि उसने ही सास-ससुर की हत्या की योजना बनाई। आशीष और उसके दोस्त ने वारदात को अंजाम दिया। मोनिका ने बताया कि वह आशीष के दोस्त को नहीं पहचानती है, लेकिन छानबीन के बाद पुलिस उसके दोस्त की पहचान विकास के रूप में की।
विकास के खिलाफ गाजियाबाद कवि नगर समेत कई थानों में मामले दर्ज हैं। वहीं आशीष बॉडी-बिल्डर है और फिलहाल वैशाली के एक मॉल स्थित बार में बाउंसर की नौकरी कर रहा था। हमले के बाद आरोपी उत्तराखंड की ओर फरार हो गए। पुलिस की टीम लगातार उनको ट्रैक कर उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।