सपा ने नगर निगम के चुनाव में टिकट वितरण के लिए रणनीति बना ली है। जो भी दमदारी से चुनाव लड़ेगा उसे ही टिकट दिया जाएगा साथ ही पार्टी के जनाधार को बढ़ाने वाले को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
निकाय चुनाव में दमदारी से लड़ सकने वालों को ही सपा के टिकट दिए जा रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी जिला व महानगर अध्यक्षों को इस बारे में रणनीति समझाई है। कहा कि इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने पर उसका फायदा लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा।
सभी जिला व महानगर अध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में अध्यक्ष, पार्षद या सभासद पद के लिए ऐसे ही दावेदार सुझाएं जो मजबूती से चुनाव लड़ सकें। उनका खुद का भी आधार हो और पार्टी के जनाधार में उसे जोड़ सकें।
प्रत्याशियों के प्रदर्शन से ही यह तय होगा कि स्थानीय नेता कितने समर्पण के साथ काम कर रहे हैं। जाहिर है कि आगामी चुनावों में टिकट देने का आधार भी यही समर्पण बनेगा। उन्होंने भितरघातियों पर भी नजर रखने को कहा है, ताकि भविष्य में उनके साथ पार्टी के रिश्ते नए सिरे से परिभाषित किए जा सकें।
पार्टी उम्मीदवारों के चयन में जातिगत समीकरणों का खास ख्याल रख रही है। लखनऊ में समाजवादी चिंतक प्रो. रमेश दीक्षित की पत्नी वंदना मिश्रा व कानपुर नगर से विधायक अमिताभ वाजपेयी की पत्नी वंदना वाजपेयी को टिकट देकर सपा हाईकमान ने संदेश भी दिया है कि दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर फोकस करने के बावजूद अन्य किसी से उसे परहेज नहीं है।