हमलावरों ने कैमरे के सामने अतीक और उसके भाई को गोली मारी थी। इस हमले के तुरंत बाद ही तीनों अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर सारे सवाल पूछे हैं। सिब्बल ने सोमवार को कई सवाल उठाते हुए पूछा कि जब कोई आपात स्थिति नहीं थी तो पुलिस ने रात 10 बजे उन्हें चिकित्सा जांच के लिए क्यों लेकर गई थी?

बता दें कि शनिवार की रात अतीक और उसके भाई अशरफ को जब पुलिस चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी, उसी वक्त पत्रकार बनकर आए तीन लोगों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।

सिब्बल ने अपने ट्वीट में सवालों की कतार खड़े करते हुए पूछा- 1) चिकित्सा जांच के लिए रात 10 बजे?

2) कोई चिकित्सा आपातकाल नहीं

3) पीड़ितों को पैदल क्यों ले जाया गया

4) मीडिया के लिए खुला?

5) हत्यारे घटनास्थल पर एक-दूसरे से अंजान थे?

6) 7 लाख से ऊपर के हथियार

7) गोली मारने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित!

8) तीनों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

हमलावरों ने कैमरे के सामने अतीक और उसके भाई को गोली मारी थी। इस हमले के तुरंत बाद ही तीनों अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हत्या के दूसरे दिन तीनों बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) को जिला अदालत में पेश किया गया था। फिलहाल तीनों ही हमलावर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।

पुलिस ने बताया कि हमलावर पत्रकारों के एक समूह में शामिल हो गया था। उन लोगों ने अचानक ही अपने कैमरे गिरा दिए और बंदुके निकाल ली थी। हमलावरों ने बताया कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए उन्होंने अतीक और उसके भाई की हत्या की थी।

अतीक और अशरफ की हत्या पर विपक्ष ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनके राज में अभी भी माफिया-राज कायम हैं। उनका यह भी मानना है कि सत्ता में रहकर ये कानून की हत्या कर रहे हैं।