माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अतीक का आईएसआई कनेक्शन जुड़ रहा है। जानकारी मिली है कि राजदार गुड्डू मुस्लिम उसके आईएसआई नेटवर्क को संभालता है।

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एक और नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अतीक अहमद का खास शूटर और राजदार गुड्डू मुस्लिम उसके आईएसआई नेटवर्क को संभालता है। गुड्डू को ये भी पता है कि अतीक पंजाब में किन असलहा तस्करों के जरिए आईएसआई की तरफ से भेजे हथियार मंगवाता था।

गुड्डू पिछले साल पांच संदिग्धों के साथ झांसी में एक हफ्ते तक ठहरा था। इस बारे में गहनता से पड़ताल हो रही है कि कहीं ये पांचों किसी आतंकी संगठन के माड्यूल या कोई बड़े अपराधी तो नहीं थे। जांच एजेंसियों के लिए पहेली बनता जा रहा गुड्डू मुस्लिम पिछले साल भी अपने पांच साथियों के साथ झांसी आया था।

ये सभी करीब हफ्ते भर तक सतीश पांडेय उर्फ बबलू पांडेय के कमरे में रुके थे। पुलिस को पांचों की गतिविधियां बेहद संदिग्ध होने की जानकारी मिली है। करीब हफ्ते भर तक रुकने के बावज़ूद सतीश के घर का केयरटेकर विनय सिंह उनके नाम तक नहीं जान सका था।

विनय जब कमरे में खाना लेकर या किसी अन्य काम से आता, चारों आपस में बातचीत बंद कर देते थे। रात को उनका एक साथी बाहर ही सोता था। इनमें से चार सुबह से लेकर रात तक झांसी के आसपास के इलाकों में मंडराते रहते थे जबकि कोई एक हमेशा कमरे पर ही रहता था। झांसी में एशिया के सबसे बड़े सैन्य ठिकाने बबीना रेंज समेत कई महत्वपूर्ण स्थान होने की वजह से हर पहलू को गहराई से खंगाला जा रहा है।

बार-बार लिया गुड्डू का नाम

वहीं यूपी पुलिस की रिमांड पर अतीक बार-बार गुड्डू मुस्लिम का ही नाम ले रहा था। अपनी मौत से पहले भी अशरफ भी गुड्डू को लेकर कुछ बोलना चाह रहा था। दरअसल अतीक को सबसे ज्यादा डर गुड्डू के पकड़े जाने का था। वह मीडिया के सामने गुड्डू का एनकाउंटर होने की बात कहता रहा। दरअसल, उसे डर था कि कहीं पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद गुड्डू तमाम गहरे राज न उगल दे।

अशरफ के डबल क्रॉस से गुड्डू को था डर

इस मामले का एक पहलू ये भी सामने आ रहा है कि अशरफ बार-बार पुलिस और शूटरों के साथ डबल क्रॉस कर रहा था। उसने पुलिस अधिकारियों को भी शूटर सौंपने की बात कहकर गुमराह किया था। वहीं उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक और अशरफ केवल असद और गुलाम को बचाने में लगे रहे। उन्होंने गुड्डू, साबिर और अरमान की मदद करना भी बंद कर दिया था। गुड्डू को डर था कि अतीक अपने राज छिपाने के लिए उसका पता पुलिस को बता सकता है। शायद, इसी वजह से वह बीते कई दिनों से अपना मोबाइल बंद करके गायब रहा।

अचानक आया था झांसी

उमेश पाल की हत्या के बाद फरार हुआ गुड्डू पनाह लेने अचानक झांसी आ धमका था। उसने सतीश के कमरे पर जाकर बबलू नाम पुकारा। केयरटेकर विनय सिंह जब बाहर आया तो उसने सतीश से फोन पर बात करने को बोला। सतीश ने उसे कमरे में ठहराने की हामी भर दी। गुड्डू अपने साथ एक बैग भी लेकर आया था, जिसे वह हमेशा सिरहाने रखकर सोता था।

अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या

आपको बता दें कि प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार की रात में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रात साढ़े 10 बजे के बाद अतीक और अशरफ को उस वक्त गोली मारी गई जब वो दोनों मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गए थे। मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी इस घटना में घायल हुआ था।
18 सेकंड में अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुलाया
आपको बता दें कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया गया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था।