नारनौल पुलिस ने अवैध शराब मामले में चार महीने पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जो वर्ष 2013 से अवैध शराब की तस्करी का धंधा करते थे। जिनसे पूछताछ में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
नारनौल के नेशनल हाईवे 152-डी गांव जाट गुवाना के पास चार माह पहले अवैध शराब सहित पकड़े गए कैंटर के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों ने शराब की बोतल का लेबल बदलने के लिए मानेसर स्थित दो घरों को गोदाम बना रखा था। इतना ही नहीं ड्राइवर को एक कंपनी का डायरेक्टर तक बना रखा था। यही नहीं मुनाफे के लिए आबकारी विभाग में ड्यूटी भरे बिना अवैध शराब को निकलवाते थे।
36 सौ में खरीद 6 हजार में बेचते थे
आरोपी 3600 रुपये में शराब की पेटी खरीदते थे और लेबल बदलकर उसे 4900 और 6000 रुपये तक में बेचते थे। इस मामले में आर्मी का एक क्लर्क का हाथ सामने आया है, जो पहले देहरादून और अब दिल्ली में काम कर रहा था। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह आर्मी क्लर्क ही अवैध शराब को पहुंचाता था। इस मामले में पुलिस ने एक अन्य आरोपी दीपक गुलिया को भी गिरफ्तार किया है। इसके नाम पर पिछली एक्साइज पॉलिसी में ठेका था। इसके रिश्ते काला जठेड़ी गैंगस्टर के साथ बताए जा रहे हैं।
प्रिंसपाल करता था गाड़ी को लोड कराने का काम
पुलिस ने इस मामले में 21 दिसंबर 2022 को तीन आरोपियों सतेंद्र भंडारी, दीपक गुलिया और प्रिंसपाल को गिरफ्तार किया गया था, जो वर्ष 2013 से अवैध शराब की तस्करी का धंधा करते थे। आरोपी सतेंद्र भंडारी आरोपी दीपक गुलिया के एल-1 के काम को देखता था। आरोपी दीपक गुलिया ने यमुनानगर में एल-1 और एल-13 में हिस्सेदारी तथा चंडीगढ़ फेज-एक शराब का ठेका ले रखा था। आरोपी प्रिंसपाल इनके साथ मिलकर अवैध शराब की गाड़ियों को भरवाता था।
ड्राइवर को बनाया था कंपनी का डायरेक्टर
21 दिसंबर को पुलिस ने मानेसर सेक्टर-एक मकान नंबर 182/1 की तलाशी ली, जिसको आरोपियों ने अपना गोदाम बना रखा था। गोदाम से 106 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब और अवैध शराब के लेबल बरामद हुए थे। गोदाम से बरामद नेटपोर्ट मार्का अवैध शराब के बारे में चंडीगढ़ आबकारी विभाग से पता किया गया। आबकारी विभाग ने यह शराब संचेती शराब बॉटलिंग फैक्टरी से बनी बताई तथा अन्य मार्का रॉयल स्टैग के बारे में अंबाला आबकारी विभाग ने बताया कि यह शराब की पेटियां लेक फॉरेस्ट वाइंस गुरुग्राम द्वारा बेची गई हैं।
दूसरे गोदाम में करते थे लेबलिंग का काम
सौरव कुमार क्युविन शराब फैक्टरी का डायरेक्टर था
लेबल बदलकर पंकज को बेचते थे शराब
अवैध शराब की सप्लाई मेरठ में करने की संलिप्तता पाई
12 अप्रैल 2023 को पंकज गोयल उर्फ सोनू बनिया निवासी मेरठ द्वारा अवैध शराब की सप्लाई मेरठ में करने की संलिप्तता पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। पंकज गोयल रॉयल स्टैग शराब की पेटी को 4900 रुपये में मेरठ व देहरादून में भगवंत वशिष्ठ, अंकित व सुमित को बेचता था। भगवंत वशिष्ठ, अंकित व सुमित रॉयल स्टैग शराब की पेटी को 6 हजार रुपये में बेच देते थे। 14 अप्रैल 2023 को अंकित व सुनीत उर्फ सुमित द्वारा अवैध शराब को देहरादून पहुंंचाने की संलिप्तता पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया।
जांच में किया गया शामिल
15 अप्रैल 2023 को संचेती बॉटलिंग प्लांट चंडीगढ़ में पार्टनर गौरव शर्मा की अदालत से बेल होने पर मुकदमे में शामिल कर तफ्तीश जांच की गई। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इन पर जुर्माना भी लगाया गया है। चंडीगढ़ बॉटलिंग प्लांट से अवैध शराब कंटेनर में भरकर गुजरात, मेरठ व देहरादून सप्लाई की जानी थी, जबकि मानेसर में अवैध शराब पर नकली लेबल लगाकर मेरठ, देहरादून सप्लाई की जाती थी।