उत्तर प्रदेश शासन के 66 चिन्हित माफिया में से दो मिट्टी में मिल गए हैं। सबसे ज्यादा माफिया मेरठ जोन के हैं। शासन की लिस्ट में प्रयागराज भी पीछे नहीं था। कुछ का वर्षों से पता नहीं चल पाया। अधिकतर को जेल भेजा जा चुका है।
शासन ने एक वर्ष पूर्व प्रदेश के चिन्हित 66 माफिया की जो सूची जारी की थी, उनमें से दो बड़े नाम अब मिट्टी में मिल चुके हैं। आम जनता के साथ पुलिस का भी सिरदर्द बन चुके ये माफिया कभी पुलिस तो कभी बदमाशों की गोली का शिकार बने।
बीते पांच दिन में 66 माफिया में से बिजनौर का आदित्य राणा उर्फ रवि पुलिस एनकाउंटर में तो प्रयागराज का अतीक अहमद अपने भाई अशरफ के साथ बदमाशों की गोली का शिकार बन गया। हालांकि पुलिस इनमें से अधिकतर को सलाखों के पीछे रखने में भी सफल रही है।
बताते चलें कि शासन की चिन्हित माफिया सूची में अधिकतर मेरठ जोन के हैं। मेरठ जोन में उधम सिंह, योगेश भदौड़ा, बदन सिंह उर्फ बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बारखा, विक्रांत सिंह उर्फ विक्की, हाजी इकबाल उर्फ बाला, विनोद शर्मा, सुशील उर्फ मूंछ, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, विनय त्यागी उर्फ टिंकू शामिल हैं। वहीं गौतमबुद्धनगर में सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना शामिल हैं।
इसी तरह आगरा जोन में अनिल चौधरी, रिषी कुमार शर्मा, बरेली जोन में एजाज, आदित्य राणा उर्फ रवि, कानपुर जोन में अनुपम दुबे, कानपुर कमिश्नरेट में सऊद अख्तर, लखनऊ जोन में खान मुबारक, अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघला, अतुल वर्मा, मो. सहीम उर्फ कासिम, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में लल्लू यादव, बच्चू यादव, जुगनू वालिया उर्फ हरविंदर सिंह शामिल हैं।