निराश्रित पशुओं से खेतों में खड़ी किसानों की फसलों को नुकसान अगले लोकसभा चुनाव में मुद्दा न बने, इसलिए योगी सरकार अभी तक बुंदेलखंड में लागू सोलर फेंसिंग योजना को पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के रूप में लागू करने की तैयारी कर रही है।

गौरतलब कि निराश्रित पशुओं की समस्या को लेकर विपक्ष समय-समय पर सरकार पर हमले करता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा बना था। तब भाजपा के लिए प्रचार करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मंच से यह आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने का इंतजाम करेगी।

लागू हुई सोलर फेंसिंग योजना

बुंदेलखंड में निराश्रित पशुओं की समस्या को देखते हुए वहां बुंदेलखंड पैकेज के तहत सोलर फेंसिंग योजना लागू की गई है। सोलर फेंसिंग में किसानों की फसल को पशुओं से बचाने के लिए खेतों को बाड़ से घेरा जाता है। बाड़ में सौर ऊर्जा के माध्यम से 12 वोल्ट का करेंट प्रवाहित होता है। इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगता है, उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। पशु के बाड़ से टकराने पर हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होती है। इससे मवेशी और जंगली जानवर जैसे कि नीलगाय, सुअर, बंदर आदि खेत मे खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे।

350 करोड़ रुपये है योजना के लिए बजट

मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसानों को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार की योजना के तौर पर लागू करने की तैयारी है। योजना के लिए प्रस्तावित बजट 75 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत का 60 प्रतिशत या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी। कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। शीघ्र ही इस योजना को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

चरागाहों को कब्जों से मुक्त कराने के लिए भी चल रहा अभियान

पशु खेत में खड़ी फसल का नुकसान तब अधिक करते हैं जब उनको अपने आसपास खाने के लिए कुछ नहीं मिलता। यदि चरागाह हों तो मवेशी खेतों की ओर नहीं जाएंगे। चरागाहों को कब्जों से मुक्त कराने के लिए पशुपालन व दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान संचालित कर रहा है तो 25 अगस्त तक चलेगा।