कर्नाटक के कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल ने रविवार को स्वीकार किया कि उन्होंने हाल में संपन्न विधायक दल की बैठक में आत्मसम्मान के नाम पर त्यागपत्र की धमकी दी थी। पाटिल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए पत्र लिखने पर उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी थी।उन्होंने कहा कि कुछ मंत्रियों के व्यवहार और आचरण ने विधायकों को नाराज कर दिया है।

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल ने रविवार को स्वीकार किया कि उन्होंने हाल में संपन्न विधायक दल की बैठक में आत्मसम्मान के नाम पर त्यागपत्र की धमकी दी थी। पाटिल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए पत्र लिखने पर उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी थी।

क्यों बुलाई गई थी बैठक?

गुरुवार की शाम हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक इस लिहाज से महत्वपूर्ण थी कि यह कम-से-कम 30 विधायकों द्वारा सिद्दरमैया और पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखने की खबरों के बीच बुलाई गई थी। इन विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं होने पर चिंता जताई थी।

जारी रहेगा संघर्षः पाटिल

पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि कुछ मंत्रियों के व्यवहार और आचरण ने विधायकों को नाराज कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मंत्रियों ने अपना व्यवहार नहीं सुधारा, तो उन लोगों का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह गुरुवार को हुई विधायक दल की बैठक और उसमें जो कुछ हुआ, उससे संतुष्ट हैं।

मैंने नहीं मांगी माफी

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने भी मीडिया और समाचार पत्रों की खबरें देखी हैं। मैं नहीं जानता कि किसने माफी मांगी थी। मैंने माफी नहीं मांगी है और मांगूंगा भी नहीं। क्या हमने कोई अपराध किया है, जिससे माफी मांगनी पड़े? पाटिल से कुछ मंत्रियों द्वारा किए गए इस दावे को लेकर प्रश्न पूछा गया कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले विधायकों ने विधायक दल की बैठक में माफी मांगी थी।