सीआईएस-एमओए एक मूलभूत समझौता है जिस पर अमेरिका सहयोगी देशों के साथ हस्ताक्षर करता है और जिनके साथ वह करीबी सैन्य और रक्षा संबंध बनाए रखना चाहता है। यह अन्य देशों को सैन्य उपकरण और हार्डवेयर की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग को कानूनी कवर भी प्रदान करता है। सीआईएस-एमओए पर हस्ताक्षर करने का मतलब है कि दोनों देश संस्थागत तंत्र को बनाए रखने के इच्छुक हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की कैबिनेट ने अमेरिका के साथ एक नए सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने को चुपचाप मंजूरी दे दी है। यह एक ऐसा कदम है जो दोनों देशों के बीच सालों के संबंधों में तनाव के बाद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में एक नई शुरुआत का संकेत देता है। साथ ही यह पाकिस्तान के लिए अमेरिका से सैन्य हार्डवेयर प्राप्त करने के रास्ते खोल सकता है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट ने एक सर्कुलेशन सारांश के जरिए पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संचार अंतरसंचालनीयता (Communication Interoperability) और सुरक्षा समझौता ज्ञापन, जिसे सीआईएस-एमओए के रूप में जाना जाता है, पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।

दोनों देशों ने नहीं की आधिकारिक घोषणा

हालांकि, समझौते पर हस्ताक्षर के बारे में दोनों में से किसी भी देश की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल इनफॉर्मेशन मंत्री मरियम औरंगजेब से इस बारे में जानने के लिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।