AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने असली हिंदुत्व को बचाने की टिप्पणी को लेकर सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश की राजनीति मुसलमानों अल्पसंख्यकों के साथ खेलने सिर्फ उन्हें धोखा देने के इर्द-गिर्द घूमती है। इसलिए मुसलमानों को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें अपनी एक स्वतंत्र राजनीतिक आवाज की जरूरत है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रविवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Paty) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर उनकी ‘असली हिंदुत्व’ को बचाने की टिप्पणी को लेकर हमला बोला। ओवेसी ने कहा कि अखिलेश उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को बेवकूफ बना रहे हैं।

”आप उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं?”

एएनआई से बात करते हुए AIMIM प्रमुख ने कहा, “अखिलेश यादव ने कहा कि असली ‘हिंदुत्व’ को बचाना जरूरी है। विधानसभा चुनाव में उन्हें एकतरफा मुस्लिम वोट मिले…अब वह कह रहे हैं कि असली ‘हिंदुत्व’ को बचाना जरूरी है। आप उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं?”

”…तो अखिलेश ‘असली हिंदुत्व’ को बचाना चाहते हैं”

अखिलेश यादव को ‘बिचौलिया’ बताते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सपा प्रमुख को राज्य में मुस्लिम वोट मिला, लेकिन भाजपा चुनाव जीत गई। ओवैसी ने कहा, ”मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में, जब बीजेपी मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार कर रही है तो अखिलेश ‘असली हिंदुत्व’ को बचाना चाहते हैं।”

‘क्या अखिलेश यादव संविधान को बचाना नहीं चाहते?’

सपा प्रमुख पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा, “क्या वह धर्मनिरपेक्षता या संविधान को बचाना नहीं चाहते? हिंदुत्व, धर्मनिरपेक्षता और संविधान एक साथ कैसे हो सकते हैं?” ‘मुसलमानों के साथ खेलने’ के लिए सपा प्रमुख की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा,

“मैं शुरू से कह रहा हूं कि अखिलेश की राजनीति उत्तर प्रदेश में मुसलमानों, अल्पसंख्यकों के साथ खेलने, सिर्फ उन्हें धोखा देने के इर्द-गिर्द घूमती है। इसलिए उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें अपनी एक स्वतंत्र राजनीतिक आवाज की जरूरत है। आप कब तक इन गद्दारों का समर्थन करते रहेंगे, जो असली हिंदुत्व को बचाने की बात करते हैं?”

‘हिंदुत्व और संविधान एक साथ कैसे हो सकते हैं?’

ओवैसी ने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमानों को यह सोचने की जरूरत है कि हिंदुत्व और संविधान एक साथ कैसे हो सकते हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, “हिंदुत्व और आंबेडकर के संविधान, हिंदुत्व और भाईचारे, स्वतंत्रता, समानता के आदर्शों का विलय कैसे हो सकता है? आपको इनके बारे में सोचने की जरूरत है।”