चांद की दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इस सफल लैंडिंग के मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पहले इस मिशन में योगदान देने वालों का धन्यवाद किया। इसके अलावा एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में बताया और चंद्रयान के बाद अन्य परीक्षणों के बारे में भी बात की।
इसरो के चेयरमैन से बातचीत
चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया। इसके साथ ही चांद पर कदम रखने वाला भारत चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर अपने कदम रख चुके हैं। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर के कार्यप्रणाली के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, ‘प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण है और ये दोनों ही चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं। इसके अलावा चांद के सतह पर भी चक्कर लगाएगा। हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे जो हमारे लिए भविष्य के अन्वेषणों के लिए महत्वपूर्ण है।’