छोटी काशी के नाम से चर्चित और धामों के पुत्र बटेश्वर धाम को संवारने का काम शुरू हो रहा है। बटेश्वर में 148 करोड़ रुपये के काम कराए जाएंगे। बटेश्वर तीर्थ को न केवल पर्यटन विकास, बल्कि धार्मिक नजरिए से भी विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटेश्वर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99 वीं जयंती पर हुए समारोह में बटेश्वर के पर्यटन एवं धार्मिक विकास की योजनाओं का प्रस्तुतिकरण देखा और उसके बाद उन योजनाओं का शिलान्यास किया।

बटेश्वर में यमुना नदी के तट पर कभी 101 शिवमंदिर थे, लेकिन अब उनकी संख्या महज 42 रह गई है। इन मंदिरों को सहेजने के लिए प्रदेश सरकार ने घाटों के संरक्षण और जीर्णोद्धार की योजना बनाई है, जिस पर 24.01 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लाल पत्थर से घाट निर्मित किए जाएंगे और सार्वजनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। रिवरफ्रंट गार्डन की तरह घाटों के पास पार्क बनाए जाएंगे, जिनमें पर्यटन सुविधाएं भी होंगी।

बदल जाएगा बटेश्वर धाम का नजारा

मुख्यमंत्री के सामने पेश की गई योजना में बटेश्वर धाम परिसर के एकीकृत पर्यटन विकास पर 24.08 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें बटेश्वर मंदिर समूह के लिए बड़ा प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इसके अंदर शापिंग कांप्लेक्स, जनसुुविधाएं और परिसर में आध्यात्मिक अन्वेषण होगा। चारों ओर हरियाली से ढके बटेश्वर मंदिर समूहों पर ड्राॅप इन, ड्राॅप ऑफ के साथ पार्किंग, यज्ञशाला, सभा स्थल, म्यूरल, ओपन लाइब्रेरी, मुख्य द्वार परिसर और बड़े पार्क बनाए जाएंगे। पूरा परिसर और गेट सफेद रंग का होगा, जैसे शिवालय हैं।

बटेश्वर के प्राचीन कुंड की बदलेगी तस्वीर

बटेश्वर धाम के लिए मुख्यमंत्री ने 13.19 करोड़ रुपये की लागत से प्राचीन पवित्र कुंड के विकास की योजना का शिलान्यास किया, जिसमें 40 फुट चौड़े और 100 मीटर लंबे प्राचीन कुंड के चारों ओर दीवार, बैठने के लिए फर्नीचर, पाथवे, घाट, सीढि़यां और म्यूजिकल फुव्वारे लगाए जाएंगे। इसी कुंड पर 4.53 करोड़ रुपये का म्यूजिकल फाउंटेन और लेजर शो किया जाएगा, जिसमें शिव की कथा बताई जाएगी।