रडार को चकमा देने वाला गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस इंफाल मंगलवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगा। इसे नौसेना की पश्चिमी कमान में तैनात किया जाएगा। भारत में बना यह युद्धपोत सतह से सतह पर वार करने वाली भारतीय मिसाइल प्रणाली ब्रह्मोस से भी लैस है। इसके नौसेना के बेड़े में शामिल होने से समुद्र में हमारी ताकत बढ़ जाएगी। इसे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ एक ताकतवर रक्षा दीवार बनाने में मदद करेगा।
आईएनएस इंफाल को मुंबई में नौसैनिक डॉकयार्ड में कमीशन किया जाएगा, इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। इसे 20 अक्तूबर को नौसेना को सौंपा गया था। इसका 75 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही बना है। इसमें तैनात की जा रही ब्रह्मोस मिसाइल भी भारत में विकसित हैं। पिछले महीने ही विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल को भी इसके जरिए सफलता से दागा गया। कमीशन से पहले ही भारत में बने किसी युद्धपोत में ऐसा परीक्षण पहली बार हुआ।
ताकत, तकनीक और क्षमता में बेजोड़
विशाखापट्टनम श्रेणी के डिस्ट्रॉयर का चौथा युद्धपोत है। इसे नौसेना के ही युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया और मुंबई में मझगांव डॉक लि. ने बनाया। आत्मनिर्भर भारत मिशन और भारत की बढ़ती क्षमता का उदाहरण माना जा रहा है।