कर्नाटक सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे लोग जो एसिम्पटोमैटिक हैं, यानी इनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, इनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी कोरोना जांच करानी होगी।

जेएन.1 वैरिएंट के साथ-साथ ओमीक्रॉन के मामले भी चिंताजनक
कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने और ऐसे लोगों के संपर्क में आने पर लोगों को कोविड-19 की जांच करानी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बढ़ते कोविड-19 संक्रमण का जिक्र करते हुए कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट- जेएन.1 के मामलों में उछाल को देखते हुए सरकार ने एहतियातन जांच बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार ने ओमीक्रॉन वैरिएंट वाले संक्रमित लोगों का भी जिक्र किया है।

नए साल के जश्न में भीड़ से बचना जरूरी, अलग कोविड-19 वार्ड बनेगा
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 28 दिसंबर को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि क्रिसमस के बाद कुछ ही दिनों में लोग नए साल के जश्न में डूब जाएंगे। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह देते हुए सरकार ने कहा है कि लोगों को समय रहते खुद कोरोना जांच की पहल करनी चाहिए। सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों से बाकी लोगों को बचाने के लिए अलग वार्ड का इंतजाम भी किया जाएगा।

कोरोना के मरीजों की निगरानी के लिए ऐसे विकल्प अपनाएगी सरकार
सरकार ने कहा है कि आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी के लिए टेली आईसीयू जैसे विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य के मुख्यालय से जिस तरह बीते करीब चार साल के दौरान कोरोना संक्रमण मामलों को ट्रैक करने की पहल की गई, वैसे ही प्रयास इस साल भी किए जाएंगे। जिला मौत ऑडिट कमेटी (District Death Audit Committee) की बैठकों के बारे में भी सरकार ने जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसका मकसद कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौत से जुड़े आंकड़े की निगरानी करना है।