संसाधन बदले पर नहीं बदला कोटेदारों का रवैया

“मोदी जी तुम डाल डाल तो हम पात पात:कोटेदार”

“इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन आने के बाद कांटे पर पीपा रखकर घटतौली कर रहे कोटेदार”

“पीपाबाज कोटेदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे उपभोक्ता,खाद्यान्न विभाग दे ध्यान”

ज़्यादातर कोटेदार इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन होने के बावजूद भी इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर पीपा व डबल बोरा रखकर तौल कर रहे, कोटेदार घटतोली करके प्रति कार्ड डेढ़ से दो किलो उपभोक्ताओं को खाद्यान्न दे रहे ,कम ब्लाक बिजुआ क्षेत्र में नही बंद हो रही घटतौली।
जब इस मामले की जानकारी लेने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी व स्प्लाई स्पेक्टर का फोन लगाया गया तो नही उठा।कल पढ़े पूरी खबर दैनिक भास्कर सहित अन्य तमाम समाचार पत्रों में।

जिला पूर्ति विभाग जान कर बने अंजान, अभी कही भी किसी कोटेदार की नही हुई जांच जिससे कोटेदारों के हौसले बुलंद,वही कोटेदारों का जनता से साफ कहना है कि ऊपर तक अधिकारियों को पैसा देना पड़ता है, वही प्रति उठान पर 20 रु कुंतल लेते है अधिकारी अब अगर हम घटतौली नही करगे तो कहां से पूरा होगा पैसा।
सोचनीय विषय ये है क्या हकीकत में कोटेदारों से 20रु प्रति कुंतल लेते है जिमेदार अधिकारी या यू ही कोटेदार अधिकारियों को बदनाम कर रहे हैं
अगर नही तो अब तक किसी कोटेदार पर क्यों नही हुई कोई करवाई क्यों जांच के लिए मौके पर नही पहुंच रहे अधिकारी