भारतीय रेल अब चीन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बन गया है। उत्तर प्रदेश ब्रॉड गेज (बीजी) लाइन शत प्रतिशत विद्युतीकृत होने के साथ कुल रूट किमी के 85 फीसदी हिस्से के विद्युतीकरण करने की उपलब्धि हासिल की है। इससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
रेलवे की इस उपलब्धि की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की है। भारतीय रेल मिशन 100 फीसदी विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। रेल मंत्रालय ने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का लक्ष्य रखा है। इस तरह से रेलवे अपने मिशन रफ्तार की तरफ भी आगे बढ़ रहा है। उत्तर पूर्व रेलवे के सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में सभी बीजी मार्गों के विद्युतीकरण करने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब इस क्षेत्र में रेल संपर्क बेहतर होगा और रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
अब तेज रफ्तार से चलेंगी ट्रेन तो समय की होगी बचत
ट्रेनों की रफ्तार अब बढ़ जाएगी। झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है। इससे भटनी-वाराणसी-नैनी (इलाहाबाद)-मानिकपुर-सतना-कटनी और छपरा-वाराणसी सहित झांसी-लखनऊ-बाराबंकी-बुढ़वाल, गोंडा-आनंदनगर-गोरखपुर-वाल्मीकिनगर-सुगौली, मुजफ्फरपुर-बछवाड़ा और नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा-समस्तीपुर, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के बीच कनेक्टिविटी तो बेहतर होगी ही साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। इस रूट पर रेलवे ट्रैक के सौ प्रतिशत विद्युतीकरण होने से डीजल इंजन से विद्युतीकृत इंजन और विद्युतीकृत इंजन से डीजल इंजन बदलने में लगने वाले समय की भी बचत होगी।