प्याज उत्पादक किसानों को मिली बड़ी राहत, इतने रुपये प्रति क्विंटल की सहायता राशि देगी सरकार
महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो आ गई थी। अपनी लागत की भी वसूली नहीं हो पाने से नाराज किसानों ने मंडी में प्याज की नीलामी ही रोक दी थी।
महाराष्ट्र सरकार ने प्याज के दाम में तेज गिरावट से प्रभावित राज्य के किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता राशि देने की सोमवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि इस फैसले से प्याज उत्पादकों को राहत मिलेगी। महाराष्ट्र में प्याज के दामों में बड़ी गिरावट आई है, ऐसे में किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। शिंदे ने कहा कि प्याज उत्पादन बढ़ने से फसल का भाव गिर गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए प्याज की फसल बहुत महत्वपूर्ण है और यह एक संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है।
महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो आ गई थी। अपनी लागत की भी वसूली नहीं हो पाने से नाराज किसानों ने मंडी में प्याज की नीलामी ही रोक दी थी। इसके बाद सरकार से किसानों के घाटे की भरपाई के लिए सरकार से सहायता राशि की मांग की गई थी।
मार्च के मध्य में रबी या सर्दियों की कम क्षति वाली फसल के बाजार में आने तक प्याज की कीमतों में गिरावट बनी रहेगी। विशेषज्ञों ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि बाजार में आपूर्ति की भरमार है, जिसके कारण किसानों को उपज के लिए उनकी लागत का बहुत कम हिस्सा ही मिल रहा है और इससे नाराज किसानों ने सोमवार को महाराष्ट्र के एशिया के सबसे बड़े बाजार लासलगांव में व्यापार करना बंद कर दिया है। रबी की आवक शुरू होने तक मार्च के मध्य तक कीमतों में गिरावट बनी रहेगी और आवक के ज्यादा समय तक चलने के साथ ही व्यापारी इस जिंस के लिए ऊंची कीमत देंगे। महाराष्ट्र प्याज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, जिसका देश के प्याज उत्पादन में 40 प्रतिशत का योगदान है।