हरदोई। जिले में तीन दिन से रुक रुककर हो रही बारिश से फसलों में नुकसान हुआ है। बरसात ने सरसों-गेहूं व धनिया के दानों के साथ किसानों के सपने भी मिट्टी में मिला दिया। किसान इस बार अच्छी फसल की उम्मीद लगा रहा था। किसी को बेटी की शादी करनी थी तो किसी को कर्जा चुकाना था। अब स्थिति यह है कि छोटे किसान परिवारों में तो सालभर खाने का भी अनाज नहीं बच पाएगा। विशेषज्ञ 18 से 20 फीसदी फसल खराब होने की बात कह रहे हैं। वहीं, किसान सर्वे कराने की मांग प्रशासन से की है।

जिले में लगभग 3.5 लाख हेक्टेयर में बोई गई फसलों में गेहूं की फसल पकने की कगार पर है। सोमवार को तीसरे दिन भी रुक रुककर बारिश होती रही। इस समय बारिश से जो गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें ज्यादातर वे गांव है, जिनमें खरीफ सीजन की फसल जलभराव से नष्ट हो गई थी।

नुकसान की स्थिति यह है कि पकी खड़ी सरसों की फसल की फलियां चटक कर दाने टपक गए और खाली फलियां लगी रह गईं। वहीं, धनिया की कटी व खड़ी फसल के दाने टपक कर खेत में बिखर गए। ऐसी ही स्थिति गेहूं की रही। किसानों के मुताबिक जो फसलें बच गईं वह धूप निकलने से चटकेंगी, इससे नुकसान बढ़ेगा। हालांकि प्रशासन का दावा है कि अभी 18 से 20 फीसदी तक का ही नुकसान हुआ है। ऐसे में शासन की गाइडलाइन के मुताबिक 30 फीसदी के नुकसान होने पर ही सर्वे कराया जाएगा।
अनाज खरीदना पड़ेगा
गेहूं की फसल लगभग तैयार है। अगर पानी न बरसता तो एक सप्ताह में फसल कटने लगती। अब पैदावार भी कम होगी। वहीं, सरसों की फसल जो खेतों में पड़ी है वो भीग गई। परिवार पालने के लिए अब आनाज खरीदना पड़ेगा।

छोटे, किसान शब्दहा माधौगंज

फसल हो चुकी बर्बाद
गेहूं की फसल अब पकने के कगार पर पहुंच रही थी। फसल के नुकसान के साथ ही डर सता रहा है कि यदि फसल खराब हो गई तो अब बैंकों का कर्ज कैसे भरेंगे। पूरे परिवार का पालन कैसे करेंगे। जो स्थिति है उससे तो लागत भी नहीं निकल सकेगी।
शिवराम सिंह, किसान खुटेपुर पचदेवरा
प्रशासन फसल का कराए सर्वे
पानी न बरसता तो एक सप्ताह में फसल कटने लगती। पानी बरसने से जो फसल पकने को रह गई थी वो भी नही पकी। अगर प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली तो किसान दर दर भटकने के लिए मजबूर होगा। सरकार किसानों की मदद करने के लिए सर्वे कराए।
– गंगाराम, किसान टडियावां कैसे चुकाएंगे बैंक का कर्ज

खेती के लिए बैंक से कर्ज लिया था। उसकी अदायगी भी करनी हैं। बेमौसम हुई बारिश से फसल चौपट हो चुकी है। ऐसे में परिवार की जीविका के लिए राशन की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी। इसके अलावा बैंक का कर्ज चुकाना भी सबसे बड़ी चुनौती है।
– बटकेश्वर, किसान टोडरपुर

किसानों की होगी हर संभव सहायता
उप निदेशक कृषि डॉ. नंद किशोर का कहना है कि अभी 18 से 20 फीसदी फसल प्रभावित होने की जानकारी किसान दे रहे हैं। नुकसान के सही आकलन के लिए टीमें कार्य कर रही है। अगर बारिश एक-दो और हुई तो उत्पादन घटने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।