फर्जी कॉल सेंटर के महाजाल के गिरफ्त में नोएडा-ग्रेनो
फर्जी कॉल सेंटर खोलकर देश और विदेश के लोगों के साथ हो रही ठगी
देश की सुरक्षा को भी कई बार में खतरे में डाल रहे हैं साइबर जालसाज
सुशांत समदर्शी
नोएडा। हाईटेक सिटी नोएडा व ग्रेनो फर्जी कॉल सेंटर के महाजाल के गिरफ्त में है। शहर में हर हफ्ते कोई न कोई फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जा रहे हैं। इसमें देश से लेकर विदेशियों से भी ठगी की जा रही है। इससे नोएडा का नाम तो खराब हो ही रहा है और साथ में साइबर जालसाज देश की सुरक्षा को भी कई बार में खतरे में डाल रहे हैं। नौकरी से लेकर इंश्योरेंस और साइबर सुरक्षा के नाम पर कॉल सेंटर और फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोलकर नोएडा से जालसाजी की जा रही है।
नोएडा-ग्रेनो में पिछले पांच सालों में छोटे-बड़े 250 से अधिक फर्जी कॉल सेंटर या टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ है। इनमें नौकरी, बीमा, साइबर मदद से लेकर हर तरीके के नाम पर ठगी के मामले सामने आए हैं। कई मामलों में विदेशी आकाओं के नाम सामने आए हैं लेकिन अब तक पुलिस विदेशी आका को छोडि़ए, अधिकतर सरगना तक को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इन मामलों में केवल स्थानीय स्तर पर ही काम करने वाले या देखरेख करने वाले एजेंट ही गिरफ्तार हुए हैं।
नोएडा जैसे हाइटेक सिटी में लगातार फर्जी कॉल सेंटर या टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े जाते हैं और इसमें विदेशी इनपुट के साथ बड़े स्तर पर ठगी की जाती है। जैसे विदेश से विदेशी नागरिकों के डाटा जैसी चीजें नोएडा में चला रहे फर्जी कॉल सेंटर संचालकों को मिलती है। विदेशी नागरिकों का डाटा ही इन फर्जी कॉल सेंटर का आधार होती है।
इसी आधार पर यहां से फोन करके इनकम टैक्स, एक्सीडेंट, बीमा, कंप्यूटर या लैपटॉप में पॉप आप वायरल जैसे नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी की जाती है। इन मामलों का जब पुलिस खुलासा करती है तो सभी खुलासों में एक चीज लगभग समान होती है। जिसमें बताया जाता है कि इसमें विदेशी एजेंट या सरगना शामिल है जो विदेश में बैठकर हैंडल कर रहा है। ऐसे मामलों में पुलिस पहले कॉल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियों को ही गिरफ्तार कर पाती थी और संचालक फरार हो जाते थे। हालांकि कमिश्नरेट बनने के बाद इसमें सुधार हुआ है और अब पुलिस कॉल सेंटर के स्थानीय संचालकों को पकड़ लेती है लेकिन विदेशी एजेंट अभी भी पुलिस से कोसों दूर हैं। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद देश की कई एजेंसियां भी इन जांचों में जुड़ती हैं।
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इन सेक्टरों में सबसे अधिक जालसाजी
सेक्टर-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 10, 15, 16, 18, 27, 41, 45, 49, 57, 59, 60, 62, 63, 64, 65, 67, 80, 105, 110, 125, 126
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इस तरह के सबसे अधिक फर्जी कॉल सेंटर
– नौकरी दिलाने के नाम पर
– सस्ते दर पर लोन के नाम पर झांसा
– बीमा कराने और लैप्स बीमा के नाम पर रकम दिलाने का झांसा
– कंप्यूटर में पॉपअप वायरस को ठीक कराने के नाम पर ठगी
– सड़क हादसे में नाम आने के नाम पर ठगी
– चाइल्ड पोर्नोग्राफी के नाम पर विदेशी नागरिकों से जालसाजी
– फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोलकर विदेश से कम दर पर बातचीत
– लकी ड्राॅ में कार मिलने, गिफ्ट के नाम पर ठगी
– कौन बनेगा करोड़पति के लकी ड्रॉ के नाम पर उगाही
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देश की सुरक्षा भी खतरे में डाल रहे जालसाज
कुछ सालों में एक के बाद एक कई फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का नोएडा-ग्रेनो में खुलासा हुआ है। खासकर फेज-वन, सेक्टर-62, 63 में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया गया था। फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज में भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय को दरकिनार करते हुए सस्ते दर पर अलग लाइन से लोगों की बातचीत कराया जाता था। इसकी जानकारी भारत सरकार व टेलीकॉम एजेंसियों को नहीं होती थी। इससे भारत की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा था।
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इंटरपोल-एफबीआई से हुआ था पुलिस का समझौता
वर्ष 2018 में नोएडा पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल और अमेरिकी पुलिस एजेंसी एफबीआई से एक समझौता किया था, जिसके तहत दोनों एजेंसियों ने कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा प्रकरण में मदद करने की बात कही थी। उस दौरान एफबीआई और इंटरपोल के अधिकारी नोएडा आए थे और तत्कालीन एसएसपी डॉ अजय पाल शर्मा से मुलाकात कर एक खाका तैयार किया था लेकिन इसका भी कोई बहुत अधिक फायदा नहीं दिखा।